सचिन के साथ डेब्यू करने वाला अनजान गेंदबाज आज है दिग्गज कमेंटेटर, अपने दूसरे ही टेस्ट में 5 विकेट लेकर मचा दिया था तहलका

Unkonown facts About Vivek Razdan: भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 1989 में पाकिस्तान के दौरे पर अपना पहला मैच भारतीय जर्सी में खेला था

सचिन के साथ डेब्यू करने वाला अनजान गेंदबाज आज है दिग्गज कमेंटेटर, अपने दूसरे ही टेस्ट में 5 विकेट लेकर मचा दिया था तहलका

विवेक राजदान की कहानी

Unkonown facts About Vivek Razdan: भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 1989 में पाकिस्तान के दौरे पर अपना पहला मैच भारतीय जर्सी में खेला था. सचिन ने सबसे पहले टेस्ट में डेब्यू किया फिर इसी दौरे पर वनडे में भी डेब्यू किया. एक तरफ जहां सचिन के डेब्यू टेस्ट में उनके साथ सलिल अंकोला ने भी डेब्यू किया था तो वहीं वनडे में उनके साथ विवेक राजदान (Vivek Razdan) और अंकोला ने भी अपना डेब्यू किया था. विवेट राजदान राइट आर्म मीडियम फास्ट बॉलर थे. बता दें कि विवेक जम्मू-कश्मीर से आकर टीम इंडिया में जगह बनाने वाले वे पहले क्रिकेटर बने थे. वैसे, विवेक का जन्म दिल्ली में ही हुआ था. 

एक तरफ जहां सचिन ने अपने डेब्यू मैच के बाद से टीम इंडिया की ओर से खेलते दिखे लेकिन सलिल अंकोला और विवेक राजदान का करियर ज्यादा लंबा नहीं चल पाया. विवेक ने भारत के लिए 2 टेस्ट, 3 वनडे मैच खेले तो वहीं सलिस अंकोला ने भारत के लिए 1 टेस्ट मैच और 20 वनडे मैच खेले. अपने क्रिकेट करियर का लंबा नहीं ले जाने के कारण अंकोला ने बॉलीवुड की ओर अपना दूसरा करियर शुरू किया तो वहीं  विवेट ने कोच और कमेंटेटर के तौर पर अपनी नई भूमिका को स्वीकार कर अपने लाइफ में आगे बढ़े.

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अपने दूसरे ही टेस्ट में चटकाए थे 5 विकेट 
पाकिस्तान के खिलाफ ही विवेक ने अपने टेस्ट करियर का दूसरा मैच खेला था. 9 दिसंबर 1989 को शुरू हुए सियालकोट टेस्ट मैच में विवेक ने 79 रन देकर 5 विकेट हॉल करने का कमाल किया था. 5 विकेट हॉल करने के बाद भी उन्हें फिर कभी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला, हालांकि उनका सिलेक्शन न्यूजीलैंड दौरे के लिए भी हुआ था लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला. इसके बाद फिर वो कभी भी भारतीय टीम में नहीं आ पाए. 

आज विवेक टीवी कमेंटेटर के तौर पर अपनी पहचान बना चुके हैं
इंटरनेशनल करियर को ज्यादा लंबा नहीं ले जाने के बाद विवेक ने अपनी दूसरी पारी कोच के तौर पर शुरू की थी. विवेक राजदान ने बाद में दिल्ली की टीम के कोच बने और फिर आखिर में जाकर उन्होंने अपना पूरा ध्यान हिन्दी की कमेंट्री में लगा दिया. आज वो टीवी में जाने माने कमेंटेटर हैं और अपनी शानदार हिन्दी कमेंट्री से फैन्स का दिल जीत रहे हैं. 

फर्स्ट क्लास करियर में कर चुके हैं कमाल, लेकिन वहां भी किस्मत ने नहीं दिया साथ

विवेक MRF पेस फाउंडेशन से निकले एक बेहतरीन तेज गेंदबाज थे. चेन्नई के MRF पेस फाउंडेशन से निकलकर उनका चयन भारतीय टीम में हुआ था. जिस समय विवेक ने अपना पहला मैच खेला उस समय उनकी उम्र 20 साल थी. पाकिस्तान के दौरे पर जाने से पहले उन्होंने अपने फर्स्ट क्लास करियर में केवल 2 ही मैच खेले थे. जब 1991-92 में दिल्ली ने रणजी ट्रॉफी जीता था तो उस दिल्ली की टीम की ओर से खेले थे. दिल्ली को रणजी चैंपियन बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. विवेक ने उस साल रणजी ट्रॉफी खेलते हुए दिल्ली की ओर से 2 शतक लगाए थे और फाइनल में तमिलनाडु की टीम के खिलाफ मैच में 93 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी. इसके अलावा उनके खाते में 23 विकेट भी दर्ज हुए थे. उनके ऑलराउंड परफॉर्मेंस के कारण दिल्ली उस साल रणजी ट्रॉफी जीतने में सफल रही थी. अपने करियर में विवेक केवल 2 बार ही रणजी ट्रॉफी खेल पाए थे. उनका फर्स्ट क्लास करियर भी ज्यादा नहीं चल पाया था. 

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विवेक राजदान ने अपने फर्स्ट क्लास किरयर में 29 मैच खेले जिसमें 67 विकेट अपने नाम करने में सफल रहे थे. इसके अलावा 700 रन भी उन्होंने बल्ले से बनाए थे जिसमें 2 शतक और 2 अर्धशतक शामिल था.