
India vs Australia 3rd Test: ऑस्ट्रेलिया को भारत में यादगार जीत दर्ज करने के लिए इंदौर में तीसरे टेस्ट (IND vs AUS 3rd Test) में सिर्फ 76 रन का लक्ष्य मिला है लेकिन पिच की प्रकृति को देखते हुए मेजबान देश के तेज गेंदबाज उमेश यादव (Umesh Yadav) ने अब भी उम्मीद नहीं छोड़ी है. पहले दिन इस पिच पर 14 विकेट गिरे जबकि गुरुवार को दूसरे दिन 16 बल्लेबाज आउट हुए. पिच से स्पिनरों को काफी टर्न मिल रहा है जबकि असमान उछाल ने बल्लेबाजों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
नाथन लियोन (Nathan Lyon) ने दूसरे दिन दूसरी पारी में आठ विकेट चटकाए जिससे उनकी टीम भारत में यादगार जीत दर्ज करने के करीब है.
उमेश ने स्वीकार किया कि उनकी टीम ने पर्याप्त रन नहीं बनाए लेकिन फिर भी उनकी टीम के पास मौका रहेगा.
गुरुवार सुबह तीन विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को जल्द समेटने में अहम भूमिका निभाने वाले उमेश ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, "क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और सटीक लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करेंगे. यह आसान विकेट नहीं है, फिर चाहे बल्लेबाज हमारे हों या उनके. क्रीज से बाहर निकलकर शॉट खेलना आसान नहीं है."
उन्होंने कहा, "गेंद नीची भी रह रही है इसलिए आप क्रीज से बाहर निकलने को लेकर सुनिश्चित नहीं होते."
उमेश ने कहा, "रन कम हैं लेकिन हम सटीक लाइन पर गेंदबाजी करेंगे और जितना अधिक हो सकते मुकाबले को आगे तक खींचेंगे."
भारत स्वदेश में सिर्फ दो तेज गेंदबाजों के साथ उतरता है और ऐसे में उमेश (Umesh Yadav) को नियमित रूप से खेलने का मौका नहीं मिला. गुरुवार को सुबह के सत्र में उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट चटकाए जिससे ऑस्ट्रेलिया ने अपने अंतिम छह विकेट सिर्फ 11 रन पर गंवाए और टीम 197 रन पर आउट हो गई.
उमेश ने कैमरन ग्रीन को LBW करने के बाद मिचेल स्टार्क और टॉड मर्फी को बोल्ड किया.
उन्होंने कहा, "इस पिच पर मेरी योजना सीधे स्टंप पर गेंदबाजी करने और एक या दो विकेट हासिल करने की थी. एक तेज गेंदबाज के रूप में मुझे पिच पर गेंद पटकनी थी और सही क्षेत्र में गेंद करानी थी. मैंने अपना अधिकांश क्रिकेट भारत में ही खेला है और इसलिए मेरी मानसिकता हमेशा विकेट चटकाने की होती है."
बल्लेबाजी करते हुए उमेश यादव उपयोगी रन नहीं जोड़ पाए क्योंकि वह और मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) दोनों बड़े शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो गए.
उमेश ने कहा कि इस तरह की पिच पर निचले क्रम के बल्लेबाज के लिए रक्षात्मक होकर खेलने से बेहतर आक्रामक बल्लेबाजी करना होता है.
उन्होंने कहा, "जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो मुझे कोई संदेश (आक्रामक बल्लेबाजी करने को लेकर) नहीं मिला था. मेरा काम इस मुश्किल विकेट पर रन बनाना था. यहां रन बनाना मुश्किल है. मुझे लगता है कि डिफेंस करके आउट होने से बेहतर है कि इस तरह के विकेट पर शॉट खेलो. अगर मैं 10 से 20 रन भी बनाता तो बढ़त 90 रन तक पहुंच जाती. यह मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण था."
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