खास बातें
- यह जीत बहुत ही शानदार है!
- इस जीत ने भारत में क्रिकेट की सूरत बदल दी!
- विंडीज को 43 रन से पटक जीता था भारत
नई दिल्ली: आज वीरवार का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत ही बड़ा दिन है. ठीक आज के दिन (#OnthisDay) मतलब 25 जून को भारतीय क्रिकेट में ऐसी क्रांति आई, जिसने देश में आने वाले दशकों के लिए क्रिकेट की सूरत को बदल दिया. और यह था कि 25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी में भारत का दुनिया की सबसे ताकतवर वेस्टइंडीज को पटककर विश्व कप जीतना. इसी दिन प्रूडेंशियल वर्ल्ड (Prudential World Cup) कप का फाइनल खेला गया था. और आज करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी और पूर्व क्रिकेटर इस महान जीत की 37वीं सालगिरह बना रहे हैं.
टॉस जीतकर विंडीज ने भारत को बल्ला थमाया, और टीम कपिल देव जब 54.4 ओवरों में सिर्फ 183 रन पर सिमट गई, तो भारतीयों ने तो यही समझा कि वर्ल्ड कप गया हाथ से. कारण साफ था कि विंडीज टीम में एक बढ़कर एक दिग्गज बल्लेबाज था.
बलविंदर सिंधु ने जब गॉर्डन ग्रीनिज को टीम के 5 रन के स्कोर पर चलता कर टीम को अच्छी शुरुआत दी. इसके बाद दिग्गज विव रिचर्ड्स जम गए. रिचर्ड्स तेज बैटिंग कर रहे थे. रिचर्ड्स ने 28 गेंदों पर 7 चौकों से 33 रन जड़ डाले. भारतीयों के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही थीं..और यहीं मदन लाल की गेंद पर पुल करने की कोशिश में रिचर्ड्स का शॉट हवा में चला गया. और कपिल देव ने मिडविकेट से पीछे की तरफ करीब 15 गज दौड़कर उल्टी दिशा में बेहतरीन कैच लपका. और यह कैच सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट बन गया.
यहां से तो विंडीज बल्लेबाजों की हालत आयाराम-गयाराम रही और विकेट गिरते रहे. थोड़ी देर विकेटकीप डूजों ने 25 रन बनाकर सहारा देने की कोशिश की, लेकिन दूसरी तरफ विकेट गिरते रहे. रिचर्ड्स के 33 रन सर्वश्रेष्ठ स्कोर साबित हुआ. विंडीज टीम 52 ओवर में 140 पर सिमट गई. और टीम कपिल देव ने इतिहास रचते हुए भारत में क्रिकेट क्रांति ला दी!!
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