
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को कहा कि ‘क्रिकेट विविधता के बिना कुछ भी नहीं है.' उसने यह बयान अफ्रीकी मूल के अमरीकी जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मिनियापॉलिस में मौत के बाद वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बने नस्लवाद के संबंध में दिया है. पिछले सप्ताह एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चॉविन ने फ्लॉयड की गर्दन घुटने से दबा दी थी जिससे उनकी मौत हो गयी थी. इसके बाद अमरीका में हिंसात्मक प्रदर्शन होने लगे थे.
आईसीसी ने शुक्रवार को 90 सेकेंड की एक वीडियो क्लिप पोस्ट की जो इंग्लैंड की 2019 विश्व कप में जीत के आखिरी क्षणों से जुड़ी है इसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ बारबाडोस में जन्में जोफ्रा आर्चर सुपर ओवर कर रहे हैं. आईसीसी ने ट्विटर पर भेजे गये संदेश में कहा, ‘‘विविधता के बिना क्रिकेट कुछ भी नहीं है. विविधता के बिना असली तस्वीर आपके सामने नहीं आती.'
इंग्लैंड की टीम ने जब वनडे विश्व कप जीता तो उसके कप्तान आयरिश (इयोन मॉर्गन) थे. उसकी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन न्यूजीलैंड में जन्में ऑलराउंडर (बेन स्टोक्स) ने किया. उसके स्पिनर (मोईन अली और आदिल राशिद) पाकिस्तानी मूल के थे और उसका एक सलामी बल्लेबाज (जैसन रॉय) दक्षिण अफ्रीकी मूल का था.
हाल ही में वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और दो बार टी20 विश्व कप विजेता कप्तान डारेन सैमी सहित प्रमुख क्रिकेटरों ने हाल में खेल में नस्लवाद पर बात की. सैमी ने तो आईसीसी से अश्वेत क्रिकेटरों के समर्थन में सामने आने का आग्रह किया था. सैमी ने मंगलवार को कहा था, ‘‘ताजा वीडियो देखने के बाद इस समय अगर क्रिकेट जगत अश्वेतों पर हो रही नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा नहीं होगा तो उसे भी इस समस्या का हिस्सा माना जाएगा.'
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