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This Article is From Sep 14, 2024

"इन लोगों को ऐसी ही भाषा समझ में आती है', सचिन के रिकॉर्ड पर माइकल वॉन के बयान पर गावस्कर ने दिया करारा जवाब

हाल ही में वॉन ने जो. रूट के सचिन का रिकॉर्ड तोड़ने की बात कही थी. वॉन कहीं आगे चले गए थे, लेकिन यह बात गावस्कर को बहुत ही नाराज कर गई

"इन लोगों को ऐसी ही भाषा समझ में आती है', सचिन के रिकॉर्ड पर माइकल वॉन के बयान पर गावस्कर ने दिया करारा जवाब
नई दिल्ली:

भारत के महान बल्लेबाज और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इंग्लिश पूर्व कप्तान माइकल वॉन के उस बयान पर जोरदार पलटवार किया है, जिसके तहत उन्होंने कहा था कि जो. रूट के पास सचिन तेंदुलकर के सबसे ज्यादा रनों के रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका है. वॉन ने कहा था कि अगर जो. रूट सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ते हैं, तो यह टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी बात होगी. इस समय जो. रूट 12,402 रनों के साथ टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में छठे नंबर पर हैं, तो सचिन तेंदुलकर 15,426 रनों के साथ पहले नंबर पर हैं.  गावस्कर ने एक मैगजीन के लिए अपने पाक्षिक कॉलम में इस बात पर भी अपने विचार रखे कि यहां ऐसी विदेशी अवधारणा बन गई है कि बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट को पसंद नहीं करता.

सनी ने वॉन के विचार पर पलटवार करते और सवाल उठाते हुए कहा, 'तेंदुकर का रन-चार्ट में सबसे ऊपर होना क्यों अच्छा नहीं है? उन्होंने कहा, "भारत को कोसने वाली भाषा का आक्रामकता के साथ जवाब दिए जाने की जरूरत है क्योंकि इन्हें सिर्फ यही भाषा समझ में आती है." पूर्व ओपनर बोले, "हाल ही में मैंने सुना कि कोई (वॉन) ने सुना कि अगर रूट, सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ देते हैं, तो यह टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छा होगा. 

गावस्कर ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, 'कृपया हमें बताएं कि जब सचिन तेंदुलकर के नाम पर सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है, तो इसमें गलत क्या है? और अगर कोई अंग्रेज बल्लेबाज इस रिकॉर्ड पर कब्जा कर लेता है, तो इससे टेस्ट क्रिकेट कैसे बेहतर हो जाएगी? कृपया इस पर रोशनी डालें. 

वहीं, गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट के प्रति बेपरवाह रवैये को लेकर विदेशी मीडिया में  चल रही बहस को हास्यास्पद करार दिया. साथ ही, उन्होंने दावा किया कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के आयोजन स्थल के फाइनल को लेकर इसलिए बहस छिड़ी है क्योंकि इंग्लैंड के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के आसार बेहतर हुए हैं.सनी बोले, 'कुछ कारणों से यहां एक विदेशी अवधारणा बन गई है कि बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट को पसंद नहीं करता. यह एक हास्यास्पद बात है क्योंकि भारत घर और विदेश में मिलाकर दर्जन भर से ज्यादा टेस्ट मैच खेलता है. ऐसे में कैसे यह अवधारणा बनाई जा सकती है? अब जबकि आईपीएल को बहुत ज्यादा सफलता मिल रही, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट को पसंद नहीं करता. 

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