ऐसे क्रिकेटर जो गरीबी से निकलकर बने भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार
जानते हैं उन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जिनकी जिन्दगी भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में आने के बाद पूरी तरह से बदल गई.
- Written by Vishal Kumar
- Updated: May 11, 2020 02:46 PM IST

हाईलाइट्स
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ऐसे क्रिकेटर जो गरीबी से निकलकर बने भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार
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धोनी और हार्दिक पंड्या ऐसे सुपर स्टार में शामिल
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रविंद्र जडेजा का शुरूआती जीवन गरीबी में बीता था
भारत में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय है. माना जाता है कि यदि कोई खिलाड़ी भारत के लिए क्रिकेट खेल लेने में सफल रहा तो उसकी पूरी जिन्दगी ही बदल जाती है. बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) दुनिया का सबसे पैसे वाला बोर्ड हैं और साथ ही अब आईपीएल (IPL) भी खेला जाता है. ऐसे में यदि कोई गरीब खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट में आकर सफल होता है तो उसकी पूरी जिन्दगी ही बदल जाती है. ऐसे में हम जानते हैं उन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जिनकी जिन्दगी भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में आने के बाद पूरी तरह से बदल गया.
धोनी (Dhoni)
भारतीय क्रिकेट में आने के बाद धोनी (Dhoni) की जिन्दगी पूरी तरह से बदल गई. गौरतलब है कि धोनी के पिता पिच क्यूरेटर थे और वो चाहते थे कि उनका बेटा टिकट कलेक्टर के तौर पर नौकरी कर अपनी पूरी जिन्दगी बिताए, लेकिन एमएस धोनी को अपनी किस्मत से कुछ और ही मंजूर था. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने पिता की बात को नजरअंदाज किया और भारतीय क्रिकेट टीम तक का सफर तय किया. धोनी ने अपनी जिन्दगी में गरीबी भी देखी है. आज धोनी भारतीय क्रिकेट के सबसे अमीर क्रिकेटरों की सूची में गिने जाते हैं.
इरफान पठान-यूसुफ पठान
इरफान पठान (Irfan Pathan) और यूसुफ पठान ((Yusuf Pathan) की शुरूआती जिन्दगी गरीबी में बीती. पठान बंधुओं के अब्बा मस्जिद में झाड़ू लगाने का काम किया करते थे. इरफान और यूसुफ पठान को क्रिकेटर बनाने का सपना उनके अब्बा ने ही देखा था. दोनों के शुरूआती समय में उनके अब्बा मात्र 250 रुपये के वेतन पर नौकरी किया करते थे. दोनों भाईयों को क्रिकेटर बनाने में उनके अब्बा का काफी संघर्ष रहा है. उनके पिता क्रिकेट की ट्रेनिंग पर जाने से पहले पुराने जूते लाकर खुद सिलकर और फिर दोनों को देते थे. आज पठान भाईयों ने भारतीय क्रिकेट में अलग मुकाम हासिल किया. दोनों के भारतीय क्रिकेट में सफल होने के पीछे उनके अब्बा ने भी काफी संघर्ष किया है.
रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja)
रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) की कहानी प्रेरणादायक है. बता दें कि भारतीय क्रिकेट में आने से पहले जडेजा का बचपन गरीबी में गुजरा था. उनके पिता सुरक्षा गार्ड की नौकरी किया करते थे तो मां एक नर्स थी. जडेजा का पूरा परिवार एक सरकारी क्वार्टर में रहता था. लेकिन जडेजा ने भी क्रिकेटर बनने का सपना देखा और भारतीय टीम में शामिल हुए. भारतीय टीम में शामिल होने के बाद जमकर परफॉर्मेंस दिया और एक बेहतरीन ऑलराउंडर बने. भारतीय क्रिकेट में आने के बाद जडेजा की भी जिन्दगी बदल गई और अब हवेली, घर और पैसे की कोई कमी नहीं है.
हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya)
हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) के क्रिकेटर बनने का सफर भी काफी रोमांचकारी है. हार्दिक अपने सोशल मीडिया के जरिए अपनी पुरानी दिनों की तस्वीरें पोस्ट कर यह बताते रहे हैं कि उनकी शुरूआती लाइफ कितनी संघर्ष भरी रही है. हार्दिक पंड्या ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि शुरूआती समय में परिवार की आर्थिक स्थिती अच्छी नहीं थी, जिसके कारण उन्हें और भाई क्रुणाल को नाश्ते और डिनर में मैगी खाकर भी कई दिनों तक रहना पड़ता था. हार्दिक के पास क्रिकेट किट खरीदने के भी पैसे नहीं हुआ करते थे. लेकिन पिता हिमांशु पंड्या के सपने को पूरा कर हार्दिक पंड्या ने अपनी पुरानी जिन्दगी को पीछे छोड़ दिया. हार्दिक अब इस समय भारत के बेहतरीन ऑलराउंडरों में शुमार किए जा रहे हैं.
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उमेश यादव (Umesh Yadev)
भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव (Umesh Yadev) की शुरूआती जिन्दगी भी काफी संघर्ष भरी रही है. उमेश के पिता कोयला फैक्ट्री में काम किया करते थे. उमेश के पास भी पैसे की कमी रहा करती थी. बता दें कि शुरूआत में उमेश अपने परिवार की आर्थित तंगी को देखकर जल्द से जल्द कोई सरकारी नौकरी पाने की ख्वाहिश रखते थे. उमेश पहले पुलिस में सिपाही बनना चाहते थे लेकिन उनकी किस्मत में बड़ा क्रिकेटर बनना लिखा था.