
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अलग-अलग तीन भारतीय टीमों का ऐलान हुए खासा समय हो गया है, लेकिन घोषित टेस्ट टीम को लेकर चर्चा अभी भी खत्म नहीं हो रही है. और इसकी सबसे बड़ी वजह रहे सरफराज खान (Sarfaraz khan) जिनका चयन न होने पर आकाश चोपड़ा और इरफान पठान ने बहुत ही सख्त शब्दों का इस्तेमाल किया है, तो वहीं फैंस भी खासे गुस्से में हैं. यह सही है कि सरफराज खान सबसे ज्यादा अनलकी रहे, लेकिन यहां और भी ऐसे खिलाड़ी रहे, जिनका भाग्य किसी न किसी वजह से रूठ गया. चलिए आपको ऐसे ही 3 दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों से मिलवाते हैं, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट टीम में शुरुआती दो टेस्ट मैचोें के लिए घोषित टीम में जगह बनाने से चूक गए.
1. सरफराज खान
इस मामले में सबसे पहला नंबर तो सरफराज खान का ही आता है, जिन्होंने वर्तमान जारी सहित पिछले तीन सीजन में बल्ले से खासे रन बरसाए हैं. इस सत्र का आगाज भी उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ जब शतकीय पारी से किया, तो सभी को भरोसा हो चला था कि सरफराज का चयन होगा ही होगा, लेकिन जब सूर्यकुमार यादव को उन पर तरजीह दी गई, तो एक बार को सभी हैरान रह गए. वैसे इसके पीछे सेलेक्टरों ने एक वजह उनके भारत "ए" के लिए किए गए प्रदर्शन को बतायी है. यह सही है कि रणजी ट्रॉफी की तुलना में उनका प्रदर्शन भारत ए के लिए अच्छा नहीं रहा, लेकिन सूर्यकुमार को टी20 के आधार पर कैसे रेड बॉल के लिए चुन लिया गया.
2. अभिमन्यु ईश्वरन
बंगाल का यह ओपनर बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह बनाने के बाद लगभग अपना पहला टेस्ट खेलने की कगार पर पहुंच गया था. तब उनका चयन चोटिल रोहित शर्मा की जगह किया गया था. वहीं, अब जबकि केएल राहुल फिर से टीम में लौटे हैं और शुबमन गिल भी ठीक-ठाक कर रहे हैं, तो ऐसे में उनका चयन मुश्किल ही था. ईश्वरन ने भारत "ए" लिए अच्छा प्रदर्शन किया है. टेस्ट कैप मिलने से चूकने से अब चयन की रेस में पिछड़ना ईश्वरन का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा. हाल ही में ईश्वनर ने रणजी ट्रॉफी में उत्तराखंड के खिलाफ 165 और नाबाद 82 रन की पारी खेली.
3. शारदूल ठाकुर
शारदूल ठाकुर एक और खिलाड़ी हैं, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती दो टेस्ट में जगह नहीं बना सके. भारतीय उपमहाद्वीप की पिचों पर फास्ट बॉलिंग-ऑलारउंडर का इस्तेमाल बहुत ही कम होता है. अब यह भी साफ है कि शारदूल ठाकुर इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज एंड्र्यू फ्लिंटॉफ तो हैं नहीं ! लेकिन हालिया समय में विदेशी जमीं पर ठाकुर ने गजब का जज्बा दिखाया है और प्रदर्शन भी उनका ठीक-ठाक रहा है. कई बार ठाकुर टेस्ट में मिली जीत में एक मैच विजेता साबित हुए. भारतीय जमीं पर खेले इकलौते टेस्ट को छोड़कर ठाकुर ने सभी मैच बाहर ही खेले हैं. घर पर खेले टेस्ट में शारदूल ने सिर्फ 10 ही गेंद फेंकी और चार रन बनाए, लेकिन साल 2018 की तुलना में ठाकुर एकदम अलग खिलाड़ी हैं.
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