जब क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों से भरा जहाज भयानक समुद्री तूफान में डूब गया, हो गई थी क्रिकेटरों की मौत

क्रिकेट मैच खेलने के लिए क्रिकेटरों को हवाई सफर करने पड़ते हैं, इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं भी हो जाती है जिसकी कल्पना हम नहीं करना चाहते हैं

जब क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों से भरा जहाज भयानक समुद्री तूफान में डूब गया, हो गई थी क्रिकेटरों की मौत

जब क्रिकेटरों से भरा जहाज भयानक समुद्री तूफान डूब गया

खास बातें

  • 10 अक्टूबर 1892 में हांगकांग क्रिकेट टीम के साथ घटी थी अनहोनी
  • क्रिकेटरों से भरा जहाज समुद्री तूफान में डूब गया
  • केवल 2 क्रिकेटर ही समुद्री तूफान में बच पाए थे

The Day Tragedy Struck Hong Kong Cricket Club: क्रिकेटरों की दुनिया बेहद ही रोमांचकारी होती है. क्रिकेट मैच खेलने के लिए क्रिकेटरों को हवाई सफर करने पड़ते हैं, इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं भी हो जाती है जिसकी कल्पना हम नहीं करना चाहते हैं. साल 2016 में ब्राजील फुटबॉल खिलाड़ियों को ले जा रहा एक प्लेन कोलंबिया में क्रैश हो गया जिसमें खिलाड़ियों की जान चली गई थी. ऐसी ही एक दुर्घटना 10 अक्टूबर 1892 को घटित हुई थी जब एक पूरी क्रिकेट टीम के खिलाड़ी से भरा जहाज भयानक समुद्री तूफान में फंस गया और क्रिकेटरों के अलावा कुल 114 लोग समुद्र में डूब गए. 

हॉगकांग क्रिकेट (Hong Kong cricket) की कहानी

साल 1841 में हॉन्ग कॉन्ग ने अपना पहला क्रिकेट मैच खेला था. इसके 10 साल के बाद हॉगकांग की टीम हॉन्ग कॉन्ग क्रिकेट क्लब के नाम से क्रिकेट खेलने लगी थी. उस दौरान एशिया में खेले जाने वाले इंटरनेशनल मैचों को ‘इंटरपोर्ट मैच' कहा जाता था. ‘इंटरपोर्ट मैच' (The first Interport match) के तहत एशिया की छोटी टीमें एक दूसरे के खिलाफ मैच खेलती थी. जिसमें हॉन्ग कॉन्ग, सीलोन (श्रीलंका), मलेशिया, शंघाई, सिंगापुर जैसी एशियाई टीम हुआ करती थी.  ‘इंटरपोर्ट मैच' 1948 तक खेले गए. बता दें कि ‘इंटरपोर्ट मैच' का पहला मैच ‘इंटरपोर्ट मैच' हॉन्ग कॉन्ग क्रिकेट क्लब और शंघाई 1866 में खेला गया था. 1892 में हॉन्ग कॉन्ग क्रिकेट क्लब (Hong Kong Cricket Club) ने 2 मैचों की सीरीज शंघाई क्रिकेट (Shangha Cricket) के खिलाफ खेला. पहला मैच खेलने के लिए शंघाई की टीम हॉगकांग पहुंची थी. दोनों टीमों के बीच पहला मैच फरवरी में खेला गया जिसे हॉगकांग की टीम ने एक पारी और 132 रन से जीता.  इसके बाद सीरीज का दूसरा मैच खेलने के लिए हॉगकांग क्रिकेट क्लब शंघाई पहुंचा था. अक्टूबर में खेले गए मैच में को इस बार शंघाई की टीम जीतने में सफल रही थी. 


वापस लौटने के क्रम में हुआ हादसा

हार के बाद हॉगकांग की टीम वापस लौटने के लिए 8 अक्टूबर 1892 को SS बोखारा पर सवार हुई. उस समय SS बोखारा (SS Bokhara) मशहूर यात्री जहाजों में से एक रहा था. 8 अक्टूबर को निकले इस जहास को हांगकांग के रास्ते कोलंबो और बॉम्बे जाना था. SS बोखारा में हांगकांग टीम के खिलाड़ियों समेत कुल 173 लोग सवार थे. 

10 अक्टूबर को हुआ हादसा

10 अक्टूबर 1892 की वो काली रात आई जब SS बोखारा (SS Bokhara) समुद्री तूफान में फंस गया. समुद्री लहरें इतनी तेज थी कि जहाज खतरनाक लहरों को संभाल नहीं पाया और आखिरकार जहाज चकनाचूर हो गई. जिस समय यह हादसा हुआ उस समय समुद्र का किनारा काफी निकट था लेकिन लहरें इतनी खतरनाक थी कि जहाज के कैप्टन लहरों को संभाल नहीं पाए और देखते-देखते पूरी जहाज डूब गई. आखिर में इस हादसे में सिर्फ 23 लोग ही बचाए जा सके. बचे 23 लोग में 2 लोग ऐसे थे जो हॉगकांग क्रिकेट क्लब के सदस्य थे. बता दें कि इस घटना के बाद 1897 तक कोई भी 'इंटरपोर्ट सीरीज'  नहीं खेली गई. हालांकि बाद में जब यह सीरीज शुरू हुई तो इस सीरीज को जीतने वाली टीम को बोखारा बेल मेमोरियल ट्रॉफी श्रद्धांजलि के तौर पर दी जाती है. 10 अक्टूबर 1892 को हांगकांग क्रिकेट में एक काला दिन के तौर पर याद किया जाता है. 

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