सौरभ कुमार ने पिछले कुछ घरेलू सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया है
खास बातें
- एसोसिएशन का ऐसा बर्ताव क्यों ?
- आखिर क्यों बाहर बैठाया गया मुश्ताक अली ट्रॉफी में?
- पिछले दो साल में दिखाया गेंद-बल्ले से दम
नई दिल्ली: इंग्लैंड (Ind vs Eng) के खिलाफ खेले जाने वाली चार टेस्ट मैचों की सीरीज (India vs England) के लिए बीसीसीआई (BCCI) ने पांच नेट बॉलर टीम में चुने हैं. ये वो गेंदबाज होते हैं, जो बल्लेबाजों को अभ्यास कराने के लिए रखे जाते हैं. इनमें से एक गेंदबाज वह सौरभ कुमार (Saurabh Kumar) है, जिसकी अनदेखी हाल ही में उसकी राज्य एसोसिएशन उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) ने खेली जा रही सैयद सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq AliT20) ट्रॉफी के लिए अनदेखी की. पिछले दो घरेलू सत्र में बहुत ही शानदार प्रदर्शन के बावजूद. लेकिन अच्छी बात यह है कि बीसीसीआई (BCCI) की आंखें खुली हुयी हैं और चयन समिति ने इस iगेंदबाज को टीम इंडिया लिए नेट-बॉलर के रूप में चुनने में देर नहीं ही लगायी. सौरभ कुमार (Saurabh Kumar) ने पिछले कुछ सालों में बहुत ही साइलेंट परफॉरमर के रूप में घरेलू रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में अपना जलवा बिखेरा है. पर बहुत ही ज्यादा हैरानी की बात है कि पिछले घरेलू सत्र में बेस्ट बॉलरों में शुमार रहे सौरभ कुमार को कोविड-19 के ब्रेक के बाद खेली जा रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए उत्तर प्रदेश टीम में क्यों जगह नहीं दी गयी. बीसीसीआई (BCCI) ने इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए अंकित राजपूत, सौरभ कुमार, आवेश खान, संदीप वॉरियर और कृष्णप्पा गौतम के रूप में पांच नेट बॉलरों को चुना है. बहरहाल, चलिए अब आपको वो तीन वजह भी बता देते हैं, जिन्होंने सेलेक्टरों को सौरभ कुमार (Suarabh Kumar) को नेट-बॉलर चुनने के लिए मजबूर किया है.
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पिछले 2 साल में कमाल
यह लेफ्ट-आर्म स्पिनर सौरभ का हालिया प्रथमश्रेणी रिकॉर्ड ही था, जिसने सेलेक्टरों का ध्यान अपनी ओर खींचा. बता दें कि सौरभ ने खेले कुल 44 मैचों में 23.44 के औसत से 192 विकेट चटकाए हैं. इनमें उन्होंने 16 बार पांच विकेट चटकाए और छह मैचों में दस विकेट लिए. इसमें भी सौरभ ने 16 में से 12 बार पंजा जड़ने का कारनामा पिछले दो साल के भीतर किया और इसी प्रदर्शन ने चयन समिति का ध्यान सौरभ की ओर खींचा. साल 2018-19 रणजी सेशन में सौरभ ने 10 मैचों में 17. 74 के औसत से 51 विकेट लिए. यह सीजन का पांचवा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.
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बल्लेबाजी में भी उम्दा
सौरभ एक लेफ्टआर्म विशेषज्ञ स्पिनर हैं, लेकिन उनके हाथ बल्लेबाजी में भी तंग नहीं हैं. कुछ अच्छे प्रदर्शन उनके बल्ले से निकले हैं. तीस के आस-पास का औसत है. प्रथमश्रेणी क्रिकेट में सौरभ ने दो शतक बनाए हैं. जरूरत पड़ने पर पिच पर टिकना सौरभ को आता है, तो हालात के हिसाब से वह लंबे शॉट भी खेल सकते हैं. और अगर सौरभ को बहुत हद तक बॉलर-ऑलराउंडर कह दिया जाए, तो गलत नहीं होगा, लेकिन सवाल है कि इस रिकॉर्ड के बावजूद सौरभ को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए टीम में ही जगह नहीं दी गई.
जैक लीच बने सबसे बड़ी वजह!
इंग्लैंड टीम के साथ 29 साल के लेफ्टआर्म स्पिनर जैक लीच भी भारत दौरे पर आए हैं, जिनका हालिया प्रदर्शन खासा बढ़िया रहा है. लीच सिर्फ 11 टेस्ट मैचों में लीच 40 विकेट बटोर चुके हैं और वह भारतीय पिचों पर मेजबान बल्लेबाजों के लिए खासा सिर-दर्द साबित हो सकते हैं. और जब भारतीय सेलेक्टरों का ध्यान इस पहलू पर गया, तो फिर उन्होंने सौरभ कुमार को चुनने में देर नहीं लगायी. सेलेक्टर चाहते थे कि भारतीय बल्लेबाजों को एक अच्छे लेफ्ट-आर्म स्पिनर के खिलाफ सीरीज से पहले और इसके दौरान बल्लेबाजी का अच्छा अभ्यास मिले.ऐसे में कुलदीप यादव के अलावा सौरभ को भी नेट बॉलर के रूप में जोड़ा गया. और कौन जानता है कि हालात आगे क्या करवट लें! ऑस्ट्रेलिया दौरे में टी.नटराजन के बारे में तो आप सब जानते ही हैं कि कैसे नेट बॉलर से वह देखते ही देखते तीनों फॉर्मेट की टीमों का हिस्सा बन गए.
...और अब फ्रेंचाइजी टीमों की भी है नजर
बहरहाल, फरवरी के तीसरे हफ्ते में होने जा रही आईपीएल नीलामी (IPL 2021 Auction) में कई फ्रेंचाइजी टीमों की नजर भी सौरभ कुमार है. और निश्चित ही अब जब उनका चयन नेट बॉलर के रूप में हुआ है, तो जाहिर है कि इसका फायदा इस 27 साल के खिलाड़ी को मिलेगा. टीमों के मैनेजरों के बीच उनको लेकर चर्चा है और सौरभ कुमार होने जा रही नीलामी में किसी भी टीम का हिस्सा बन सकते हैं.
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