
पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज सकलैन मुश्ताक ने कहा कि वह इस बात को समझने में नाकाम हैं कि खुद को साबित कर चुके रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ी को भारत के सीमित ओवरों की टीम से क्यों बाहर रखा गया है. उन्होंने कहा कि टेस्ट में सफलता हासिल करने वाला गेंदबाज सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी सफल रहता है. आईपीएल में नियमित रूप से खेलने वाले अश्विन को जुलाई 2017 के बाद से सीमित ओवरों के प्रारूप की भारतीय टीम से बाहर रखा गया है. रवींद्र जडेजा के साथ भी यही स्थिति थी, लेकिन वह अपनी हरफनमौला काबिलियत से तीनों प्रारूपों में खेल रहे हैं.'
Have a very blessed Day Master Blaster @sachin_rt . Prayers and best wishes for you always pic.twitter.com/YSSHtoaGKK
— Saqlain Mushtaq (@Saqlain_Mushtaq) April 24, 2020
क्रिकेट में ‘दूसरा' गेंद की शुरूआत करने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘काबिलियत स्थायी है चाहे आप उंगली से स्पिन करते हों या आप कलाई के स्पिनर हो. आपके कौशल, खेल की स्थिति को परखने की क्षमता बहुत मायने रखती है. मुझे आश्चर्य हुआ जब अश्विन को एक दिनी क्रिकेट के लिए अनदेखा कर दिया गया.' सकलैन ने कहा, ‘जिसे यह पता हो कि पांच दिनी मैच को बल्लेबाज को कैसे आउट करना है उसके लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में यह आसान काम है. रन रोकने का काम कोई भी कर सकता है लेकिन जो विकेट लेना जानता है, वह रनों पर अंकुश भी लगा सकता है. अश्विन को दोनों आता है. आप उसे टीम से बाहर कैसे रख सकते हैं? आपको अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का समर्थन करना होगा''
भारतीय चयनकर्ताओं ने 2017 चैम्पियन्स ट्राफी के बाद टीम में कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेन्द्र चहल को मौका दिया. दोनों ने सीमित ओवरों के मैच में खुद को साबित भी किया लेकिन 2019 विश्व कप के बाद एक साथ अंतिम एकादश में जगह बनाने में सफल नहीं रहे. टेस्ट में घरेलू मैदान में अश्विन भारत के नंबर एक स्पिनर है लेकिन विदेशों में खेले जाने वाले टेस्ट में वह अंतिम एकदश में जगह बनाने में संघर्ष करते दिखते हैं.
सकलैन ने कहा, ‘‘ उन्होंने भज्जी की जगह अश्विन को मौका दिया. अश्विन के साथ कई ऑफ स्पिनरों को आजमाया गया लेकिन कोई भी उनके स्तर का नहीं निकला.' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उस समय भी आश्चर्य हुआ था जब भज्जी को टीम से बाहर किया गया था. अश्विन और भज्जी का गेंदबाजी का तरीका अलग है, दोनों एक साथ एकादश में शामिल हो सकते थे. जब दाएं हाथ के एक जैसे तेज गेंदबाज एक साथ खेल सकते है तो स्पिनर क्यों नहीं?'
शोएब अख्तर और शाहिद अफरीदी की तरह सकलैन को भी लगता है कि भारत और पाकिस्तान को अपनी क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता फिर से शुरू करनी चाहिए. सकलैन ने कहा, ‘आप खिलाड़ियों को नायक समझते है. उनका काम अच्छा करना होता है. जीत और हार खेल का हिस्सा है. क्रिकेट युद्ध नहीं है. मुझे लगता है कि दोनों देशों को क्रिकेट खेलना चाहिए'. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैंने प्रशंसकों को दोनों देशों का झंडा हाथ में लिये हुए देखा है. यह खेल की ताकत है.
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उन्होंने कहा, ‘‘सचिन और शेन वॉर्न ने अमरीका में (2015 में) ऑल स्टार्स मैचों का आयोजन किया था. आपको विश्वास नहीं होगा कि मैंने प्रशंसकों को भारत और पाकिस्तान के झंडे के साथ देखा. उन्होंने कहा, ‘‘इससे दोनों देशों को करीब लाया जा सकता है.
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