विज्ञापन
This Article is From Mar 05, 2020

इसलिए 'काबिल' अजित अगरकर शीर्ष पांच में भी चयनित नहीं हुए, 'इनसाइड स्टोरी'

अजित अगरकर (Ajit Agarkar) ने शॉर्टलिस्टेट उम्मीदवारों में वेंकटेश प्रसाद के बाद सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हुए थे, लेकिन अजित अगरकर (Ajit Agarkar) को तो शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों में भी जगह नहीं दी गई

इसलिए  'काबिल' अजित अगरकर शीर्ष पांच में भी चयनित नहीं हुए, 'इनसाइड स्टोरी'
अजित अगरकर की फाइल फोटो
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मुंबई रणजी टीम के चीफ सेलेक्टर रह चुके हैं अगरकर
बीसीसीआई चला रहा है अपनी ही पॉलिसी !
सुनील जोशी व हरविंदर सिंह हैं नए सदस्य
नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की नई चयन समिति के दो सदस्यों का ऐलान हो गया है. सुनील जोशी चीफ सेलेक्टर बन गए हैं, तो पूर्व सीमर हरविंदर सिंह भी शामिल हो गए हैं, लेकिन चर्चा नहीं थम रही है अजित अगरकर (Ajit Agarkar) को लेकर. न तो पूर्व क्रिकेटरों के बीच, न ही मीडियाकर्मियों के बीच और न ही उन लोगों के बीच जो जस्टिस लोढ़ा के संविधान के बारे में जानकारी रखते हैं. चर्चा इसलिए है कि अजित अगरकर (Ajit Agarkar) ने शॉर्टलिस्टेट उम्मीदवारों में वेंकटेश प्रसाद के बाद सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हुए थे, लेकिन अजित अगरकर (Ajit Agarkar) को तो शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों में भी जगह नहीं दी गई. और सोशल मीडिया पर प्रशंसक बीसीसीआई का उपहास उड़ा रहे हैं कि आखिर यह कैसा सिस्टम है. 

यह भी पढ़ें:  भारतीय क्रिकेट टीम के नए चीफ सिलेक्टर बने सुनील जोशी

जस्टिस लोढ़ा के संविधान में एक बात साफ है कि सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले शख्स को चीफ सेलेक्टर बनाया जाएगा. ऐसे में अगरकर, वेंकटेश प्रसाद का पिछड़ना सवाल तो पैदा करता ही है. कुल मिलाकर देखा जाए, तो बीसीसीआई चयन में अपनी नीति अमल में ला रहा है. जस्टिस लोढ़ा की सिफारिशे नहीं और सीईसी के सदस्य मदन लाल इस बारे  में खुलकर बोल भी रहे हैं. बता दें कि जस्टिश लोढ़ा की सिफारिशों में क्षेत्रीय आधार पर सेलेक्टर चुनने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन बीसीसीआई अपनी नीति चला रहा है. इसके आगे क्या परिणाम होंगे, यह देखने वाली बात होगी. 

यह भी पढ़ें:  इन वजहों से सुनील जोशी बाकी दावेदारों को पछाड़ चीफ सेलेक्टर बन गए, 'इनसाइड स्टोरी'

अजित अगरकर के 40 उम्मीदवारों में कहीं 'काबिल' होने के बावजूद सीईसी ने बीसीसीआई की नीति को आगे बढ़ाया. दरअसल अगरकर पश्चिम क्षेत्र से आते हैं और चयन समिति में पहले से ही पश्चिम क्षेत्र से जतिन परांजपे समिति में हैं. बस यही वजह रही कि अजित अगरकर को शॉर्टलिस्टेट नहीं किया गया.  इस पर मदन लाल ने कहा कि हमारा रीजनल सिस्टम सर्वश्रेष्ठों में से एक है. और हमने इसी को दिमाग में रखते हुए सेलेक्टरों का चयन किया. 

VIDEO:  पिंक बॉल बनने की पूरी कहानी, स्पेशल स्टोरी. 

अब सवाल यह है कि जब बीसीसीआई को अपनी ही चलानी है, तो फिर संविधान किस लिए है. जब जस्टिस लोढ़ा की सिफारिशों में क्षेत्रीय आधार की बात बिल्कुल भी नहीं है, तो ऐसे में बोर्ड कैसे अपनी चला सकता है? 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com