
Yashasvi Jaiswal: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने रविवार को यहां रनों के लिहाज से टीम की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने का श्रेय युवा और कम अनुभवी सदस्यों को दिया. भारत ने तीसरे टेस्ट के चौथे दिन जीत के लिए 557 रन का लक्ष्य देकर इंग्लैंड को महज 122 रन पर समेटकर पांच मैच की श्रृंखला में 2-1 से बढ़त बना ली. रोहित ने भारत की जीत के बाद यहां मीडिया से कहा, ‘निश्चित रूप से इस तरह मैच जीतना और विशेषकर इस तरह की युवा टीम के साथ जीतना बहुत ही अच्छा अहसास है. हमने सरफराज खान (Sarfaraz Khan) और ध्रुव जुरेल को पदार्पण कराया और अंतिम एकादश में भी खिलाड़ियों ने ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेले हैं.' ऐतिहासिक जीत के बाद रोहित ने विस्तार से कई पहलुओं पर रोशनी डाली. चलिए आप जान लीजिए चार अहम बिंदु, जो बहुत कुछ कहते हैं.
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1. "हम सीख रहे हैं"
उन्होंने कहा, ‘इनमें से काफी सारे खिलाड़ी क्रीज पर मिलने वाले अनुभव से सीख रहे है. हमें हैदराबाद और विशाखापत्नम में भी काफी कुछ सीखने को मिला. सरफराज और जुरेल ने मैच में अच्छा प्रदर्शन किया.' रोहित ने कहा कि भारत को सीनियर खिलाड़ियों चोटों से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए काफी कड़ी मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा, ‘हम जानते थे कि हमारे लिए श्रृंखला जीतना आसान नहीं होगा. हमें काफी मेहनत करनी होगी, विशेषकर जब हमारे अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ी हमारे साथ नहीं हैं.'
2. "मैं इस बात से बहुत ही हैरान था"
रोहित ने कहा, ‘काफी श्रेय इन युवा खिलाड़ियों को जाता है जिन्होंने आते ही शानदार जज्बा दिखाया. ऐसा लगता है कि जैसे ये टीम में खेलते हैं और वे टीम में ही बने रहना भी चाहते हैं.' भारतीय कप्तान ने कहा कि वह चौथे दिन इतनी जल्दी मैच खत्म होने से भी हैरान थे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि मैच पांचवें दिन तक खिंचेगा. हमारे पास आज केवल 40 ओवर गेंदबाजी के लिए थे.हमने सोचा था कि उन्हें आउट करने के लिए 130 ओवर काफी होंगे. इसलिये मैं हैरान था.'
रोहित ने कहा, ‘हम रन के बजाय उन्हें आउट करने के लिए ओवरों की संख्या देख रहे थे. यही फैसला किया गया था. किसी भी तरह से मैंने उम्मीद नहीं की थी कि मैच आज शाम तक ही खत्म हो जायेगा.' उन्होंने कहा, 'रविचंद्रन अश्विन का दूसरे दिन के खेल के बाद जाना मुश्किल भरा था लेकिन उन्होंने इस शीर्ष स्पिनर के चौथे दिन टीम से जुड़ने की दाद दी, जिन्हें अपने परिवार में चिकित्सा आपात स्थिति के कारण जाना पड़ा था.
3. "परिवार पहले आता है"
रोहित ने कहा, ‘जब आप अपने सबसे अनुभवी गेंदबाज के बिना होते तो और वो भी टेस्ट के बीच में तो यह आसान नहीं होता, लेकिन परिवार सबसे पहले आता है.' उन्होंने कहा, ‘जब हमने खबर सुनी तो हमारे दिमाग में यही था कि उसे वही करना चाहिए जो उसे सही लगता है. वह परिवार के साथ होना चाहता था, जो बिलकुल सही चीज थी. और उसका यहां आना और टीम से जुड़ना भी अच्छा है. इससे उसका जज्बा दिखता है कि वह किस तरह का व्यक्ति है.'
4. "यशस्वी के बारे में ज्यादा नहीं बोलूंगा"
रोहित चाहते हैं कि यशस्वी जायसवाल इसी आक्रामक फॉर्म को जारी रखे. उन्होंने कहा, ‘मैं अभी जायसवाल के बारे में कुछ भी नहीं कहूंगा क्योंकि हर कोई उनके बारे में बात कर रहा है. उसे खेलने दीजिये. वह अच्छा खेल रहा है और यह हमारे लिए अच्छा है. वह अच्छी फॉर्म में है, मैं इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहूंगा.'
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