
टी20 विश्व कप 2022 के सुपर - 12 राउंड की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले की शुरुआत से हो चुकी है. वहीं टीम इंडिया अपने अभियान की शुरुआत 23 अक्टूबर को पाकिस्तान (India vs Pakistan) के खिलाफ मुकाबले से करेगी. लेकिन भारतीय टीम पिछले विश्व कप में की गई उन गलतियों को बिल्कुल दोहराना नहीं चाहेगी जिसके चलते उसे सेमीफाइनल तक पहुंचने का भी मौका नहीं मिला था. पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड जैसी दिग्गज टीमों के विरुद्ध शुरुआती मुकाबले हारकर टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर खड़ी टीम इंडिया पिछली बार दूसरी टीमों के मैचों के परिणामों पर निर्भर हो गई थी.
खैर वो कहावत है ना कि किस्मत भी बहादुर का साथ देती है. ऐसा ही कुछ भारतीय टीम के साथ भी था, किस्मत भी तब काम करती जब किसी मुकाबले में करीबी परिणाम निकला होता. लेकिन पाकिस्तान से 10 विकेट से मिली हार के बाद टीम के कंधे लटके हुए नज़र आए. और कंधे के बाद कमर तोड़ने की कसर न्यूजीलैंड ने पूरी कर दी. न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले मुकाबले में हार के बाद लगभग तय हो गया था कि टीम इंडिया अब विश्व कप में आगे नहीं जाएगी. लेकिन इस बार भारतीय टीम कुछ नए बदलावों के साथ विश्व कप खेलने आई है. टीम के कप्तान बदल चुके हैं, कोच बदल चुका है और साथ ही जगह भी अलग है. इस बार विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है. ऐसे में चुनौती भी नई होगी.
इन पांच गलतियों को नहीं दोहराना चाहेगी टीम इंडिया
1. टॉप ऑर्डर पर निर्भरता - पाकिस्तान के खिलाफ टी 20 विश्व 2021 में खेले गए उस मुकाबले में हमने देखा कि जैसे ही शाहीन शाह आफरीदी ने के एल राहुल और रोहित शर्मा को आउट किया, पूरी भारतीय टीम दबाव में आ गई और वहीं से ये लगने लगा कि भारत अब इस मैच में वापसी नहीं कर पाएगा और हुआ भी बिल्कुल वैसा है, विराट कोहली के अर्धशतक की मदद से जैसे तैसे भारत ने 151 रन बनाए लेकिन मैच फिर भी भारत के हाथ से निकल गया. यहां से भारत को एक बात तो ध्यान में रखनी होगी कि अंतर्राष्ट्रीय मैचों में इस तरह की स्थिति बनना कोई नई बात नहीं है. बल्कि ऐसा होता ही रहता है, यहां से यही सीखा जा सकता है कि टॉप ऑर्डर से लेकर मिडिल ऑर्डर और फिर लोअर ऑर्डर तक तक हर एक बल्लेबाज़ को जिम्मेदारी लेनी होगी और पूरा योगदान टीम के लिए देना होगा. शुरुआती विकेट गिर जाने पर दबाव महसूस करने की बजाय खुलकर खेलना होगा. क्योंकि डरकर मुकाबला नहीं जीता जाता, मुकाबला तो आर या पार करके ही जीता जाता है.
2. डॉट बॉल बनी थी प्रेशर - भारत और पाकिस्तान के बीच हुए उस मुकाबले पर अगर नज़र डालें तो डॉट बॉल्स ने भी भारत पर पूरा दबाव बनाया था. दोनों ओपनर्स के आउट होने के बाद भारत पूरी तरह से दबाव में था. साफ झलक रहा था की अगर एक विकेट और गिरा तो आगे कौन संभालेगा? ऐसे में विराट कोहली भी सेफ खेल रहे थे. वहीं सूर्यकुमार यादव आउट हो चुके थे. ऋषभ पंत ने 30 गेंद में 39 रन की एक ठीक ठाक पारी खेली थी. हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा भी कुछ खास नहीं कर पाए. एक बात तो साफ थी कि विकेट बचाने के चक्कर में भारतीय बल्लेबाज़ आखिर तक दबाव में बल्लेबाज़ी करते रहे. खास बात ये है कि वो तो विराट कोहली ने 57 रन बना दिए, फर्ज़ कीजिए कि अगर वो भी आउट हो गए होते तो टीम इंडिया का क्या होता? क्योंकि बाद के बल्लेबाज़ हमने आपको बताया कि बस आया राम गया राम ही खेल रहे थे. ऐसे में अब भारत को ज़रूर उन गलतियों से सबक लेकर यहां पर काम से काम डॉट बॉल्स से बचना होगा. क्योंकि 20 ओवर के गेम में डॉट बॉल्स ही सबसे ज़्यादा प्रेशर बनाती हैं.
3. बाएं हाथ के गेंदबाज़ों को खेलने में परेशानी - शाहीन शाह ने अब तक भारत के खिलाफ केवल एक ही मुकाबला खेला है लेकिन आज भारतीय खेमे में सबसे ज्यादा चर्चा उन्हीं की ही है, कारण सबको पता है, टी 20 विश्व कप 2021 के उस एक मात्र मुकाबले में भारत के टॉप ऑर्डर को शुरुआती ओवर्स में आउट करके पैवेलियन भेजकर दर्शक बनाने का श्रेय इन्हीं को जाता है. देखा जाए तो सिर्फ शाहीन शाह ही नहीं बल्कि बाएं हाथ के लगभग टॉप के सभी गेंदबाज़ हमेशा से ही भारतीय बल्लेबाजों की एक कमजोरी रहे है. पाकिस्तान के शाहीन शाह के अलावा न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट और ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क, ये सभी विश्व के बेहतरीन गेंदबाज़ हैं व भारतीय बल्लेबाज़ों को परेशान करते हुए नज़र आते हैं. विश्व कप 2022 में भी पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले से पहले रोहित शर्मा बाएं हाथ के गेंदबाज़ों से निपटने के लिए खास प्रैक्टिस करते हुए देखे गए थे. यहां पर भारतीय बल्लेबाजों को ज़रूर गौतम गंभीर की बात पर अमल करना चाहिए, कि आपको शाहीन शाह से अपना विकेट बचाने की बजाय उन्हें स्कोर करने के लिए जाना चाहिए, अभी आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.
4. नए नए प्रयोग - पिछले एक साल में हमने देखा कि टीम इंडिया हर एक सीरीज में नए नए प्रयोग करती हुई नज़र आई. कई बार तो एक समय में भारत की तीन टीमें एक साथ अलग अलग समय पर अलग स्थानों पर भी खेलती हुई दिखी. प्रयोग करना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन उन प्रयोगों का जब रिजल्ट ही ना निकले तो सवाल तो उठेंगे ही. अब नज़र डालें तो एक प्रयोग को छोड़ दें तो बाकी कोई भी प्रयोग भारत के लिए इतना खास नहीं रहा. और वो है दिनेश कार्तिक को भारतीय टीम में शामिल करना. आईपीएल के बाद जिस तरह से दिनेश कार्तिक ने खुद को निखारा है और टीम में जगह बनाई है, वो वाकई सराहनीय है. एक और प्रयोग की बात करें तो पिछली बार हमने देखा कि मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को भी भारतीय टीम में शामिल किया था, लेकिन वरुण की मिस्ट्री भी अब हिस्ट्री बन कर रह गई है. ऐसे ही बहुत से प्रयोग भारतीय टीम ने पिछले एक साल में किए. लेकिन जैसे कि एक दिग्गज पाकिस्तानी खिलाड़ी ने एशिया कप के दौरान कहा कि भारतीय टीम तो पूरे साल प्रयोग करती रही लेकिन हमने अपने बेस्ट 15 खिलाड़ी तैयार किए और यही पाकिस्तान की ताकत है. ऐसे में अब टीम इंडिया के पास इतने प्रयोगों के बाद फाइनल 15 खिलाड़ी मौजूद हैं. अब भारतीय टीम को अपने इन्हीं बेस्ट खिलाड़ियों के साथ विश्व कप में चमचमाती हुई ट्रॉफी जीतने की और आगे बढ़ना है.
5. टॉस भी रहेगा महत्वपूर्ण - साल 2021 का टी 20 विश्व कोविड 19 महामारी के चलते भारत की मेज़बानी में यूएई में खेला गया था. जहां पर हमने देखा कि टॉस जीतने वाली टीमें ही मैच की बॉस भी बनती थी. लेकिन इस बार विश्व कप ऑस्ट्रेलिया की धरती पर है और यहां पर कंडीशंस अलग हैं एशियाई देशों के मुकाबले. वहीं टॉस एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में पहले से कोई कुछ नहीं बता सकता. लेकिन टॉस जीतने वाली टीम के पास मैच जीतने के लिए एक एक्स्ट्रा फैक्ट तो जुड़ ही जाता है.
अब भारतीय टीम अगर इन सभी गलतियों को नहीं दोहराती है तो विश्व कप जीतने से उसे कोई रोक नहीं सकता, क्योंकि टीम के पास वो काबिलियत है जिससे वो विश्व चैंपियन बन सकती है.
क्या पाकिस्तान के खिलाफ दबाव में है भारत? रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया जवाब
क्या मोहम्मद शमी खेलेंगे पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबला? इस दिग्गज ने दिया जवाब
T20 World Cup: सुपर- 12 स्टेज की शुरुआत आज से, जानें कब और किससे भिड़ेगी टीम इंडिया?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं