T20 World Cup: रिंकू सिंह को इस नियम के चलते 15 सदस्यीय टीम में नहीं मिली जगह? रिपोर्ट में हुआ यह बड़ा दावा

Rinku Singh: इंडियन प्रीमियर लीग मैचों को काफी हद तक 12 खिलाड़ियों का मुकाबला बनाने वाले 'इंपेक्ट प्लेयर' नियम का पावर हिटर रिंकू सिंह को नुकसान हुआ और वह भारत की टी20 विश्व कप टीम में जगह नहीं बना सके क्योंकि उन्हें क्रीज पर काफी समय बिताने का मौका नहीं मिला.

T20 World Cup: रिंकू सिंह को इस नियम के चलते 15 सदस्यीय टीम में नहीं मिली जगह? रिपोर्ट में हुआ यह बड़ा दावा

T20 World Cup: रिंकू सिंह को इस नियम के चलते 15 सदस्यीय टीम में नहीं मिली जगह?

Team India for T20 World Cup: इंडियन प्रीमियर लीग मैचों को काफी हद तक 12 खिलाड़ियों का मुकाबला बनाने वाले 'इंपेक्ट प्लेयर' नियम का पावर हिटर रिंकू सिंह को नुकसान हुआ और वह भारत की टी20 विश्व कप टीम में जगह नहीं बना सके क्योंकि उन्हें क्रीज पर काफी समय बिताने का मौका नहीं मिला. पिछले आईपीएल में एक ओवर में पांच छक्के जड़कर सुर्खियां बटोरने वाले अलीगढ़ के 26 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू पर शिवम दुबे को तरजीह देकर मुख्य राष्ट्रीय टीम में जगह दी गई जबकि उन्हें रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल किया गया.

आईपीएल के मौजूदा सत्र के शुरुआती 10 मैचों के दौरान चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए अधिक समय क्रीज पर बिताने के कारण दुबे को मौका मिला. मंगलवार को अहमदाबाद में हुई चयन बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले लोग इस बात पर सर्वसम्मति से सहमत थे कि पैनल ने रिंकू को आसानी से बाहर कर दिया होगा क्योंकि उन्हें हार्दिक पंड्या और दुबे के साथ 15 खिलाड़ियों में जगह नहीं मिल सकती.


भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सूत्र ने नाम नहीं छापने की शर्त पर पीटीआई को बताया,"इसमें कोई संदेह नहीं है कि रिंकू ने इंपेक्य प्लेयर नियम की कीमत चुकाई है. वह स्पष्ट रूप से दुर्भाग्यशाली है. हार्दिक भले ही खराब फॉर्म में हो लेकिन वह अब भी भारत का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर है और उसे बाहर करना एक जोखिम होता क्योंकि वह एकमात्र व्यक्ति है जिसने गेंदबाजी की है."

रिंकू को इंपेक्ट प्लेयर नियम से कैसे नुकसान हुआ? कोलकाता नाइट राइडर्स ने रिंकू को फिनिशर की भूमिका दी और उन्हें कभी भी शीर्ष पांच में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. चयन से पहले आठ पारियों में उन्होंने केवल 82 गेंदें खेली जो प्रति पारी लगभग 10 गेंद होती हैं. टीम के लिए भारतीय खिलाड़ियों में कप्तान श्रेयस अय्यर और वेंकटेश अय्यर के साथ अंगकृष रघुवंशी ने अधिकांश ओवर खेले जिससे अंत में रिंकू के पास करने के लिए काफी कुछ नहीं बचा.

रिंकू को बढ़ावा नहीं देने के लिए नाइट राइडर्स को दोषी नहीं ठहराया जा सकता लेकिन सच कहा जाए तो श्रेयस और वेंकटेश राष्ट्रीय टीम में चयन के दावेदार नहीं थे. इसके विपरीत चेन्नई सुपरकिंग्स और उनके चतुर रणनीतिज्ञ महेंद्र सिंह धोनी 2021 सत्र से दुबे का अधिकतम उपयोग कर रहे हैं. दुबे को मौजूदा सत्र में अब तक नौ मैच में 203 गेंद खेलने को मिली हैं. यह प्रति मैच लगभग 23 गेंद होती है जो रिंकू से 13 अधिक हैं.

दुबे ने अब अब 24 चौके और 26 छक्के मारे हैं. रिंकू ने अपनी 82 गेंद में नौ चौके और छह छक्के लगाए हैं. मध्यम तेज गति के गेंदबाज दुबे गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं क्योंकि धोनी ने सही आंका है कि उनकी गेंदबाजी क्षमता उम्मीद के मुताबिक नहीं है और विरोधी बल्लेबाज उन्हें निशाना बना सकते हैं.

धोनी ने दुबे का सबसे अच्छा उपयोग किया और धीमी पिच पर पावर हिटिंग के उनके कौशल की बदौलत उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का दावेदार बनाया. यह स्पष्ट नहीं है कि यदि इंपेक्ट प्लेयर नियम नहीं होता तो क्या धोनी और सुपरकिंग्स के कप्तान रुतुराज गायकवाड़ दुबे का इस तरह उपयोग कर पाते.

इसलिए जनवरी 2024 तक भारत के लिए 15 मैच में दो अर्धशतक की मदद से रिंकू का 176 का स्ट्राइक रेट उन्हें मुख्य टीम में जगह दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था. जैसे अंबाती रायुडू का बाहर होना 2019 एकदिवसीय विश्व कप से पहले सबसे दुर्भाग्यपूर्ण निर्णयों में से एक था, यह आशा ही की जा सकती है कि मुख्य टीम से रिंकू का बाहर होना नुकसानदायक नहीं होगा.

रिंकू रिजर्व खिलाड़ियों का हिस्सा हैं और किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर उन्हें 15 सदस्यीय टीम में मौका मिल सकता है. साथ ही अगर चयनकर्ताओं को जरूरी लगता है तो 23 मई तक उन्हें टीम में बदलाव करने के लिए किसी कारण की जरूरत नहीं होगी.

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