अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते राहुल जौहरी मीटिंग में हिस्सा नहीं ले रहे हैं
खास बातें
- सिंगापुर में मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक
- टेस्ट प्लेइंग देशों के सीईओ ले रहे हैं हिस्सा
- बुधवार को आईसीसी कर सकती है प्रस्ताव
दुबई: भारत में जोर-शोर से चल रहे #MeToo अभियान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीईओ राहुल जौहरी पर लगे शोषण के आरोपों के बीच अब क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी भी जल्द ही कार्यस्थल पर सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में बुधवार को कोई ऐलान कर कर सकती है. कुछ दिन पहले ही ही राहुल जौहरी का हरासमेंट में नाम आने के बाद बीसीसीआई की सीओए ने उनसे मामले में सफाई मांगी थी.
बुधवार को सिंगापुर में मंगलवार से शुरू हुई तीन दिनी बैठक में सभी टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेट बोर्डों के सीईओ हिस्सा ले रहे हैं. इसी बैठक में सेक्सुअल हरसमेंट पर आईसीसी बड़ा प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. ध्यान दिला दें कि बीसीसीआई ने राहुल जौहरी को इस मीटिंग में भाग लेने से रोक दिया है. और इस बैठक में जौहरी की जगह बोर्ड के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी भारतीय बोर्ड का प्रतिनिधित्व करेंगे.
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राहुल जौहरी के अलावा कुछ ही दिन पहले बेंगलुरु के एक वरिष्ठ पत्रकार पर एक महिला ने सेक्सुअल हरासमेंट के आरोप लगाए हैं. वहीं ट्विटर पर एक अज्ञात महिला ने भी राहुल जौहरी के बारे में लिखा था कि जब वह बोर्ड से पहले पिछली नौकरी में थे, तो जौहरी ने उन्हें अभद्र पेशकश की. इसी के बाद बोर्ड ने जौहरी से इस मामले पर सफाई मांगी थी. आईसीसी के सूत्र ने बताया कि बुधवार को इस प्रस्ताव लाने के पीछे राहुल जौहरी का मामला वजह नहीं है. हमने यह फैसला इस साल के शुरू में ही ले लिया था, जब करीब 160 लड़कियों ने अमरीकी जिम्नास्टिक फिजियो लैरी नसार पर सेक्सुअल हरासमेंट का आरोप लगाया था. इन मामलों में नसार को 40 से 175 साल की सजा सुनाई गई है.
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आईसीसी के इस प्रस्ताव के तहत सेक्सुअल हरासमेंट के आरोपी खिलाड़ियों, कोचों, टीम अधिकारियों, पत्रकारों और वेंटरों को भविष्य में वर्ल्ड कप और अंडर-19 विश्व कप सहित आईसीसी की सभी प्रतियोगिताओं से दूर रखा जाएगा. आईसीसी सूत्र ने कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य कार्यस्थल को सेक्सुअल हरासमेंट से मुक्त बनाना है.