SL vs SA 2ND TEST: टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार बना 'यह अजब रिकॉर्ड'

SL vs SA 2ND TEST: टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार बना 'यह अजब रिकॉर्ड'

मैच के दौरान श्रीलंका टीम

खास बातें

  • दक्षिण अफ्रीकी पस्त, लंकाई स्पिनर मस्त
  • अजब रिकॉर्ड की गजब कहानी!
  • यह रिकॉर्ड न टूटने वाला!
कोलंबो:

टेस्ट क्रिकेट के करीब डेढ़ सौ साल के इतिहास में अनेकों रिकॉर्ड बने हैं. बल्लेबाजो ने बड़े-बड़े रिकॉर्ड बनाए, तो गेंदबाज भी उनसे पीछे नहीं रहे. सभी ने रिकॉर्डों की खूबसूरती बढ़ाने में अपना-अपना योगदान दिया. फील्डरों ने भी,  विकेटकीपरों ने भी. और यहां तक की मैदानों ने भी. बहरहाल, कुछ रिकॉर्ड बहुत ही अजीब-गरीब होते हैं. और यह तभी बनते हैं, जब इनकी किस्मत में लिखा होता है. कुछ ऐसा ही हुआ श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेल गए दूसरे टेस्ट में. यह टेस्ट मैच मेजबान श्रीलंका ने 119 रन से जीतकर सीरीज 2-0 से जीत ली. दूसरी पारी में रंगना हेराथ ने छह विकेट चटकाए.

श्रीलंका ने सिंहले स्पोटर्स क्लब ग्राउंड में खेले गए मैच की चौथी पारी में दक्षिण अफ्रीका के सामने 490 रनों का लक्ष्य रखा था. दक्षिण अफ्रीका की इस दूसरी पारी में लंकाई गेंदबाजों ने कुल मिलाकर 86.5 ओवर गेंदबाजी की. और ओवरों के इस विशाल कोटे में अगर श्रीलंकाई गेंदबाजों के पहली पारी के ओवर मिला दिए जाएं, तो मैच में एक ऐसा नया इतिहास लिखा गया, जो पहले कभी घटित नहीं हुई. 

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श्रीलंका की दूसरी पारी में हेराथ रंगाना ही छाए रहे, जिन्होंने छह विकेट चटकार दक्षिण अफ्रीका को तहस नहस कर दिया, वहीं पहली पारी में ऑफ स्पिनर अकिला धनंजय ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को रूला कर कर रख दिया. और एक बार फिर से यह साबित हुआ कि जब बात भारतीय उपमहाद्वीप में स्पिनरों को खेलने की आती है, प्रोटीज बल्लेबाज अभी भी नवसिखिए ही हैं. कम से कम इस सीरीज में स्पिनरों के सामने उनका प्रदर्शन तो यही कह रहा है. और जब हाल इतना बुरा हुआ, तो इसी के साथ ही टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में वह अजब रिकॉर्ड बन गया, जो पहले नहीं ही बना था. अगर बना था, तो उसका स्तर इतना ऊंचा नहीं था. 

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दरअसल दूसरी पारी में श्रीलंका की तरफ से फेंके गए 86.5 ओवर और पहली पारी के 34.5 ओवरों को मिला दें, तो पूरे मैच में 113.4 ओवर गेंदबाजी हुई, लेकिन इतने  विशाल कोटे में सिर्फ दो ओवर ही ऐसे रहे, जो किसी तेज गेंदबाज ने फेंके. यह ओवर सुरंगा लकमल ने फेंके. और मैच के 11.4 ओवर की गेंदबाजी सिर्फ और सिर्फ स्पिनरों ने की. मतलब पूरे मैच में में सिर्फ दो ही ओवर तेज गेंदबाज ने फेंके. और यह वह बात रही, जो पहले कभी टेस्ट क्रिकेट इतिहास में नहीं ही घटित हुई थी.