मुथैया मुरलीधरन के बाद शेन वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं (फाइल फोटो)
खास बातें
- अपनी पुस्तक ‘नो स्पिन ’के जार्डिन की जमकर प्रशंसा की
- वॉर्न ने लिखा-जार्डिन में खेल के मानदंड बदलने का साहस था
- 'बॉडीलाइन' सीरीज से खराब हुए थे ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के क्रिकेट रिश्ते
सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के महान लेकिन विवादास्पद लेग स्पिनर शेन वार्न ने क्रिकेट के इतिहास के सबसे विवादास्पद व्यक्तियों में से एक ‘बॉडीलाइन’ दौरे पर इंग्लैंड के कप्तान रहे डगलस जार्डिन का समर्थन किया जबकि पूर्व कप्तान स्टीव वॉ से अपने पुराने मतभेद फिर ताजा किए हैं. श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के बाद टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले वॉर्न ने इस सप्ताह प्रकाशित अपनी किताब ‘नो स्पिन ’ में जार्डिन की तारीफ की है. ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार और पूर्व कप्तान रहे स्टीव वॉ की आलोचना करते हुए वॉर्न ने लिखा कि स्टीव स्वार्थी खिलाड़ी थे और उन्हें केवल अपने औसत की चिंता रहती थी.
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टेस्ट में 708 विकेट लेने वाले वॉर्न ने कहा कि उनका मानना है कि जार्डिन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से हैं. उन्होंने लिखा,‘डगलस जार्डिन ने ब्रैडमैन के सामने कामयाबी हासिल की और खेल के मानदंड बदलने का साहस उनमें था.’ जार्डिन को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट जगत में खलनायक के रूप में देखा जाता है. हैराल्ड लारवुड की अगुवाई में उनके तेज गेंदबाज, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के शरीर को निशाना बनाते थे. उनका लक्ष्य ब्रैडमैन के बल्ले से लगने वाली रनों की झड़ी पर अंकुश लगाना होता था. जार्डिन की टीम ने खेलभावना के विपरीत जिस तरह बल्लेबाजों के शरीर को निशाना बनाकर गेंदबाजी की, उसे लेकर ऑस्ट्रेलिया में खासी नाराजगी थी. इंग्लैंड ने इसी रणनीति के चलते 4-1 से सीरीज जीती लेकिन इससे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी.
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पुस्तक में शेन वॉर्न ने पूर्व कप्तान स्टीव वॉ को स्वार्थी कहा. उन्होंने कहा कि 1999 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा में चौथे टेस्ट में जब वॉ ने उन्हें बाहर किया था तो उन्हें बहुत दुख हुआ था. उन्होंने कहा,‘उसके बाद मेरी नजर में उनका सम्मान कम हो गया. मुझे लगता है कि कप्तान को अपने खिलाड़ियों का साथ हर समय देना चाहिए. उससे खिलाड़ियों से इज्जत मिलती है और वे आपके लिये खेलते हैं. उन्हें वह सम्मान नहीं मिला.’वॉर्न के अनुसार, स्टीव वॉ सबसे स्वार्थी खिलाड़ियों में से थे और उन्हें सिर्फ अपने औसत की चिंता रहती थी. (इनपुट: एजेंसी)