
South Africa vs India: टीम इंडिया एक दिन बाद ही रविवार से दक्षिण अफ्रीका (SAvIND) के खिलाफ शुरू होने जा रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले कुछ दिन पहले से ही नेट पर जमकर पसीना बहा रही है. खिलाड़ी नेट अभ्यास और वॉर्म-अप के दौरान जरूरत से ज्यादा हंसी-मजाक करने की तस्वीर खिंचवाकर मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं कि टीम सौरव- विराट विवाद को भूल आगे बढ़ रही है, लेकिन नाटक भी अपने आप में एक कटु सत्य है. और जरूरत से ज्यादा मुस्कुराना गम को छिपाने की भी एक कला है. बहरहाल भारतीय टेस्ट कप्तान के सामने सीरीज या कहें कि पहले टेस्ट से पहले एक नहीं, बल्कि कई बड़ी चुनौतियां सामने हैं. चलिए हम आपको 4 बड़ी चुनौतियों से आपका परिचयन करा देते हैं.
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1. विवाद का असर तो नहीं दिखेगा बॉडी लैंग्वेज पर?
वॉर्म-अप या नेट के दौरान सभी खिलाड़ियों का "सामान्य" या तुलनात्मक रूप से ज्यादा हंसी-मजाक एक कोशिश है कि दिखाया जाए कि सौरव-विराट विवाद पीछे हो चला है. लेकिन इसकी छाया या असर टीम या विराट पर पड़ा है या नहीं पड़ा, यह दिसम्बर 26 से 29 तक खेले जाने वाले पांच दिनों के दौरान पता चलेगा. इस दौरान विराट सहित पूरी टीम की बॉडी लैंग्वेज देखने लायक होगी.
2. फॉर्म का विराट चैलेंज!
यह सभी के सामने है कि इस साल विराट का प्रदर्शन उनके स्तर से अनुरूप नहीं रहा है. साफ है कि खेले 10 टेस्ट मैचों में सिर्फ 28.41 का औसत वह बात है, जो कोहली के इतिहास को देखते हुए किसी को भी हजम नहीं हो रहा है. वहीं शतकों की मशीन करार दिए गए कोहली के बल्ले से इस साल एक भी शतक का न निकल पाना एक और बड़ा चैलेंज कोहली के सामने है, जिसे उन्हें तोड़ना होगा.
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3. सीरीज जीत का चैलेंज?
टीम इंडिया ने साल 1992 में पहली बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था. और तब से लेकर अभी तक भारत इस जमीन पर एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत सका है और अगला करीब एक महीना इस पहलू से कोहली के लिए विराट चैलेंज होने जा रहा है.
4. क्या मिलेगी पसंद की टीम?
सभी ने देखा कि हालिया सालों में विराट टीम सेलेशन को लेकर कैसे अपनी बात मनवाते रहे हैं. बात यहां तक पहुंच चुकी है कि अब वर्तमान सदस्य आर. अश्विन ने अप्रत्यक्ष रूप से विराट पर निशाना साध दिया है. ऐसे में यह भी एक चैलेंज है कि इस पहलू या चुनौती से विराट कैसे पार पा पाते हैं ? यह भी देखने वाली बात होगी कि चहेते उप-कप्तान रहाणे के लिए कोहली कैसे रास्ता निकालते हैं. और बात यह भी है कि दिग्गज राहुल द्रविड़ के साथ उनका तालमेल कैसा होगा. कहीं, यह सिर्फ दिखावे भर का तो नहीं होगा?
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5. क्या टीम में दिखेगी एकजुटता?
अब यह साफ है कि विराट कोहली की पावर पहले जैसी नहीं रही है. खिलाड़ी भी जान चुके हैं कि अब विराट सिर्फ टेस्ट कप्तान हैं. अश्विन जैसे कद के खिलाड़ी खुलकर बोल रहे हैं. ऐसे में यह भी एक विराट चैलेंज हो चला है कि क्या सीरीज के दौरान मैच दर मैच कोहली की कप्तानी में टीम में वह एकजुटता दिखेगी, जो दिखती रही है. यह भी एक बड़ा सवाव हो चला है क्योंकि आर. अश्विन का हालिया इंटरव्यू कोई अच्छा संकेत नहीं हैं. वहीं इस इंटरव्यू पर बीसीसीआई की चुप्पी हैरानी भरी है क्योंकि वह वर्तमान टीम के सदस्य हैं.
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