
SA vs IND 2nd Test: दक्षिण अफ्रीका के हाथों भारत को जोहांसबर्ग में दूसरे टेस्ट में मिली हार के बाद टीम इंडिया फिर से आलोचकों के निशाने पर है. दिग्गजों ने इस हार के लिए कई पहलुओं को जिममेदार ठहराया है, तो अब पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने भी अपने विचार रखे हैं. गौतम ने कहा कि अब जबकि मोहम्मद सिराज चोटिल हो गए थे और उनका चोटिल होना बड़ी समस्या साबित हुआ, तो केएल राहुल के पास पेसरों को रोटेट करने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं थे.
गंभीर ने स्टार-स्पोर्ट्स चैनल से बातचीत में कहा कि अगर सिराज को चोट न लगती, तो वह भारत की खासी मदद कर सकते थे क्योंकि आर. अश्विन को पिच से बिल्कुल भी मदद नहीं मिल रही थी. और सिराज की कमी चौथे और वर्षा प्रभावित दिन खासी खली. इस दिन सिर्फ एक ही विकेट गिरा और यह मोहम्मद शमी ने चटकाया.
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गौतम ने कहा कि भारत को चौथे तेज गेंदबाज की कमी खेली. अगर सिराज सौ फीसद फिट होते, तो कप्तान राहुल अपने दो पेसरों को और बेहतर तरीके से रोटेट कर सकते थे. और यह साफ है कि जब एक बार गेंद गीली हो जाती है, तो यह अश्विन की ज्यादा मदद नहीं करती. पूर्व ओपनर ने बोला कि आप केवल तीन ही पेसरों के साथ खेल रहे थे. और जब आप तीन पेसरों से बाकी आठ विकेट चटकाने की उम्मीद करते हैं, तो आप किसी भी एक से दिन विशेष पर खराब प्रदर्शन की उम्मीद नहीं ही कर सकते.
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गंभीर ने यह भी कहा कि शमी और बुमराह की ताकत शॉर्ट पिच नहीं बल्कि फुल लेंथ गेंदें हैं. दोनों ही सीमरों ने बल्लेबाजों के किनारे छुआने की कोशिश की, लेकिन चौथे दिन इन दोनों को ज्यादार ड्राइव खाने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि आप चाहते हो कि आपके तेज गेंदबाज सामने वाली टीमों के बल्लेबाजों की शॉर्ट-पिट गेंदों से परीक्षा लें. उन्होंने कहा कि जब दक्षिण अफ्रीकी पेसर गेंदबाजी कर रहे थे, तो पास अच्छी हाइट थी और उन्हें इसके लिए ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ा. अब इस पहलू की बुमराह और शमी से भी उम्मीद लगा सकते हो, लेकिन इन दोनों की ओर से ये गेंद नैसर्गिक रूप से नहीं आतीं. जब भी इन्होंने कंधे का जोर लगाया, तो गेंद कीपर के सिर के ऊपर से चली गयीं.
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