RR vs CSK: गौतम ने कई वजहों से एमएस धोनी पर साधा जमकर निशाना, पूर्व ओपनर बोले कि...

RR vs CSK, IPL 2020: एमएस धोनी ने  17 गेंदों पर नाबाद 29 रन की पारी खेली थी. और इसमें उन्होंने आखिरी ओवर में तीन छक्के लगाए थे, लेकिन ये छक्के गौतम गंभीर सहित प्रशंसकों के बिल्कुल भी गले नहीं ही उतरे. गंभीर ने पहले एमएस धोनी के सातवें नंबर पर बैटिंग करने आने के फैसले को आड़े लेते हुए कहा कि कोई अगर और कप्तान होता, तो उसकी इस फैसले के लिए बहुत ज्यादा आलोचना झेलनी पड़ती

RR vs CSK: गौतम  ने  कई वजहों से एमएस धोनी पर साधा  जमकर निशाना, पूर्व ओपनर बोले कि...

गौतम गंभीर ने एमएस की तीखी आलोचना की है

खास बातें

  • गंभीर ने उठाए कई सवाल
  • सातवें नंबर पर एमएस का आना समय से परे-गंभीर
  • धोनी को आगे आकर ने नेतृत्व करना चाहिए था
नई दिल्ली:

आईपीएल (IPL 2020) में मंगलवार को शारजाह में खेले गए मैच में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की 16 रन की हार को लेकर प्रशंसकों में खासा रोष है. ये फैंस बातें कर रहे हैं और खुलकर चर्चा कर रहे हैं कि अगर ऐसा नहीं हो सका, तो उसके लिए कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni)की रणनीति और उनकी बल्लेबाजी की शैली जिम्मेदार रही, जो पूरी तरह से समझ से बाहर रही. और अब इस चर्चा और आलोचना में पूर्व ओपनर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) भी शामिल हो गए हैं, जिन्होंने कई पहलुओं को लेकर एमएस धोनी (MS Dhoni) की तीखी आलोचना की है. एमएस धोनी ने  17 गेंदों पर नाबाद 29 रन की पारी खेली थी. और इसमें उन्होंने आखिरी ओवर में तीन छक्के लगाए थे, लेकिन ये छक्के गौतम गंभीर सहित प्रशंसकों के बिल्कुल भी गले नहीं ही उतरे. 

गंभीर ने पहले एमएस धोनी के सातवें नंबर पर बैटिंग करने आने के फैसले को आड़े लेते हुए कहा कि कोई अगर और कप्तान होता, तो उसकी इस फैसले के लिए बहुत ज्यादा आलोचना झेलनी पड़ती, लेकिन अब वह एमएस धोनी हैं, तो लोग इस क्रम को लेकर ज्यादा बातें नहीं कर रहे हैं.  राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ एमएस धोनी 217 रनों के विशाल टारगेट का पीछा कर रहा था और धोनी तब बैटिंग के लिए मैदान पर उतरे, जब चेन्नई को 38 गेंदों पर 103 रनों की दरकार थी. 

गौतम ने कहा कि ईमानदारी से कहूं, तो मैं तो आश्चर्य में था कि एमएस नंबर-7 पर बैटिंग के लिए उतरे. खुद से पहले सैम कुरेन और रितुराज को भेजना मुझे समझ नहीं आया.  वास्तव में, इन हालात में एमएस को आगे रहकर नेतृत्व करना चाहिए था. उनका यह फैसला ऐस नहीं था, जिसे आप आगे आगकर नेतृत्व करना काहते हैं. जब आप 217 रनों का पीछा करते हो और नंबर सात पर आते हो, तो मैच खत्म हो चुका होता है! संभवत: फैफ डु प्लेसी इकलौते ऐसे खिलाड़ी रहे, जो योद्धा की तरह खेले. 


वैसे धोनी ने अपने बचाव में कहा था कि क्वारंटीन की समयावधि बढ़ने के कारण उन्हें तैयारी का पर्याप्त समय नहीं मिला. इसी कारण वह पहले बैटिंग के लिए नहीं उतरे. एमएस उस हालात की तरफ इशारा कर रहे थे, जब चेन्नई के 13 सदस्यों के कोविड-19 पॉजेटिव पाए जाने के कारण अभ्यास को एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया था, लेकिन गंभीर ने एमएस धोनी के मैच जीतने के इरादे और नीयत पर सवाल खड़ा किया. 

गंभीर ने कहा कि अगर आप जल्द आउट हो जाते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. कम से कम यह बात आगे रहकर नेतृत्व करने को तो बयां करता है. ऐसा कर आप टीम को प्रेरित करते हो. गंभीर ने कहा कि आपने पारी के आखिरी ओवर में 3  छक्के क्यों लगाए. संभवत: अगर आप नंबर-4 या 5 पर आकर फैफ के साथ मिलकर ऐसा करते, तो मैच आपके पाले में हो सकता था. संभवत: एमएस धोनी का मैच जीतने जैसा कोई इरादा नहीं था. मुझे लगता है कि शुरुआती छह ओवरों के बाद चेन्नई ने एक तरह से मैच छोड़ दिया था. गौतम ने कहा कि आपको वर्तमान में रहने, कोशिश करने और हर मैच जीतने की कोशिश करनी होती है. धोनी और टीम का इरादा मैच जीतने का नहीं था और लक्ष्य का पीछा करते हुए वे कभी मुकाबले में नहीं दिखे.  

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