"केवल पिता का चेहरा याद था, बाकी सब धुंधला....", भारतीय टीम में चुने जाने पर भावुक हुए मुकेश कुमार

भारतीय टीम में चुने गए एकमात्र नए चेहरे मुकेश कुमार की हर तरफ चर्चाएं हो रही हैं. ऐसे में टीम इंडिया में सलेक्शन के बाद पहली बार इस क्रिकेटर का रिएक्शन सामने आया है.

Mukesh Kumar

खास बातें

  • ईरानी ट्रॉफी में मुकेश कुमार रेस्ट ऑफ़ इंडिया की तरफ से खेल रहे हैं
  • टीम इंडिया में सलेक्शन के बाद पहली बार मुकेश का रिएक्शन सामने आया है
  • पिता को यकीन नहीं था कि मैं क्रिकेट में कुछ कर भी पाऊंगा या नहीं
नई दिल्ली:

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 6 अक्टूबर से शुरू हो रही तीन वनडे मैचों की सीरीज़ के लिए भारतीय टीम में चुने गए एकमात्र नए चेहरे मुकेश कुमार की हर तरफ चर्चाएं हो रही हैं. ऐसे में टीम इंडिया में सलेक्शन के बाद पहली बार इस क्रिकेटर का रिएक्शन सामने आया है. एक न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू के दौरान मुकेश कुमार ने बताया कि अपने चयन की खबर सुनकर उन्हें अपने पिता की आई, और वे इमोशनल हो गए. मुकेश ने कहा कि जैसे ही पता चला कि मेरा चयन टीम इंडिया में हुआ है तो " मैं भावुक हो गया, सब कुछ धुंधला-धुंधला था और मुझे केवल अपने स्वर्गवासी पिता का चेहरा याद था. उन्होंने आगे बताया कि जब तक मैंने बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं खेली थी, तब तक मेरे पिता को यकीन नहीं था कि मैं क्रिकेट में कुछ कर भी पाऊंगा या नहीं." 

आपको बता दें कि ईरानी ट्रॉफी में मुकेश कुमार रेस्ट ऑफ़ इंडिया की तरफ से खेल रहे हैं और टूर्नामेंट के पहले ही दिन उन्होंने 4 विकेट चटकाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा और अगले ही दिन उन्हें टीम इंडिया के लिए दक्षिण खिलाफ के खिलाफ वनडे सीरीज में चुने जाने की खुशखबरी मिली. 

मुकेश ने बताया कि उन्होंने अपने पिता को ब्रेन स्ट्रोक के चलते रणजी ट्रॉफी के फाइनल से पहले खो दिया. जब पिता की हालत नाजुक थी तो वे दिन में प्रैक्टिस करते थे और रात के समय पिता के पास रहते थे. बिहार के गोपालगंज ज़िले के रहने वाले मुकेश ने बताया कि " आज मेरी मां की आंखों में आसूं थे, वे भी भावुक थीं और घर में हर कोई रो रहा था. 


बता दें कि बंगाल के लिए मुकेश नई गेंद से सबसे ज़्यादा प्रभावशाली गेंदबाज़ रहे हैं. बॉल को दोनों तरफ स्विंग करवाने के सक्षम 28 वर्षीय गेंदबाज़ ने अब ईरानी ट्रॉफी और पहले न्यूजीलैंड 'ए' के खिलाफ शानदार गेंदबाज़ी की थी. अपने टैलेंट को वे भगवान की देन मानते हैं. पिछले दिनों बंगाल के कोच वीवीएस लक्ष्मण के द्वारा दी गई सलाह को भी उन्होंने याद किया और कहा कि "लक्ष्मण सर की दी गई गाइडलाइंस ने उनकी परफॉर्मेंस को सुधारने में बहुत मदद की है." 

मुकेश ने ये भी कहा कि " जीवन का मतलब ही सीखना है और सीखना कभी रुकता नहीं है. मेरा लक्ष्य भी हमेशा सीखना और आगे बढ़ते रहना है. 

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज 6 अक्टूबर से शुरू हो रही है. पहला मैच लखनऊ में व दूसरा और तीसरा मैच रांची और दिल्ली में 9 और 11 अक्टूबर को खेले जाएंगे. टीम की कप्तानी शिखर धवन व उपकतानी श्रेयस अय्यर को सौंपी गई है.

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