
मीडिया ही नहीं, दुनिया भर के पूर्व क्रिकेटरों ने पिछले काफी लंबे समय से आईपीएल और इसके विस्तार पर उंगली उठायी है. अब बुद्धिजीवी क्रिकेटेरों में शुमार रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) का गुस्सा ऐसे खिलाड़ियों पर फूटा है. दरअसल पूर्व क्रिकेटरों की बढ़ती आलोचना की एक वजह मार्च 26 से शुरू होने वाला आईपीएल संस्करण भी है, जिसमें अब 10 टीम हो चली हैं, तो 65 दिन चलने वाले इस टूर्नामेंट में करीब 75 मैच खेले जाएंगे. वहीं, एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने आईपीएल पर यह कहते हुए तंज कसा था कि आईपीएल विंडो अब साल का 1/6 समय लेगी. अश्विन ने इस आलोचना पर अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा कि आईपीएल की पिछले कई सालों से आलोचना हो रही है. कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने अनावश्यक रूप से आईपीएल के बारे में भला-बुरा कहा है. उन्होंने कहा आईपीएल से पहले दस साल के भीतर करीब 20-25 खिलाड़ियों को मौका मिला था, लेकिन अब आईपीएल के कारण हर साल करीब 75-80 भारतीय क्रिकेरों को मौका मिल रहा है.
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अश्विन ने यह भी कहा कि इस साल आईपीएल की टीमें लीग के विस्तार और समय सीमा को देखते हुए जिस समस्या का सामना करेंगी, वह खिलाड़ियों की उपलब्धता है. ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, इंग्लैंड सहित कई टीमों के खिलाड़ी अपनी-अपनी राष्ट्रीय टीम की ट्यूटी पर होंगे और आईपीएल शुरू होने के दस दिन बाद टीमों से जुड़ेंगे. ऑफ स्पिनर बोले कि कुछ देश अपनी राष्ट्रीय टीम का कार्यक्रम आईपीएल को ध्यान में रखते हुए तैयार करते हैं. अब जबकि इस बार आईपीएल लगभग एक या दो हफ्ते पहले शुरू हो रही है, तो ऐसा इस वजह से हो सकता है.
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अश्विन ने कहा कि लेकिन ज्यादातर देश जैसे दक्षि अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड और न्यूजीलैंड आईपीएल के शेड्यूल के आधार पर ही अपनी टीमों का कार्यक्रम बनाते हैं. इस साल न्यूजीलैंड का आईपीएल के दौरान कोई मैच नहीं है. ऑफ स्पिनर ने फुटबॉल प्रीमियर लीग का बाकी लीगों के साथ टकराव का उदाहर देते हुए कहा कि विश्व में बढ़ रही लीगों की संख्या को देखते हुए उनकी विंडो छोटी हो रही है और आईपीएल के आयोजन की समय की आलोचना एक बेवजह की बात है.
अश्विन ने आईपीएल में अपनी शुरुआत पर कहा कि जब मैंने आईपीएल में खेलना शुरू किया, तो मेरे माता-पिता और दादा-दादी ने पूछा कि क्या क्रिकेट मुझे वित्तीय रूप से मदद करेगी. कारण यह था कि दस साल के भीतर केवल 20-25 खिलाड़ियों को ही मौका मिलता था, लेकिन अब आईपीएल के कारण लगभग हर साल 75-80 क्रिकेटर मौका पा रहे हैं.
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