बाउंसर लगने से बेहोश हो गया था र‍िचर्ड हैडली का यह साथी बॉलर, 68 साल का होने तक खेली क्र‍िकेट..

महान तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली के साथ न्‍यूजीलैंड क्र‍िकेट टीम के ल‍िए नई गेंद संभालने वाले चैटफील्ड का 1975 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण दिल दहलाने वाला था.

बाउंसर लगने से बेहोश हो गया था र‍िचर्ड हैडली का यह साथी बॉलर, 68 साल का होने तक खेली क्र‍िकेट..

Ewen Chatfield ने न्‍यूजीलैंड की ओर से 43 टेस्‍ट और 114 वनडे मैच खेले

खास बातें

  • वर्ष 2019 तक क्र‍िकेट खेलते रहे चैटफील्‍ड
  • 1975 में इंग्‍लैंड के लीवर की गेंद पर लगी थी चोट
  • तब इंग्‍लैंड के फ‍िज‍ियो थॉमस ने मुंह से सांस देकर बचाई थी जान
वेलिंगटन:

उनका पहला टेस्ट मैच आखिरी टेस्ट साबित हो सकता था लेकिन इवान चैटफील्ड (Ewen Chatfield)न सिर्फ अपनी कहानी कहने के लिये जिंदा है बल्कि उन्होंने क्रिकेट के साथ अपने प्यार का भी भरपूर लुत्फ उठाया जो उनके 68 साल का होने के बाद ही समाप्त हुआ. लंबे समय तक रिचर्ड हैडली (Richard Hadlee) के साथ न्‍यूजीलैंड क्र‍िकेट टीम (New Zealand Team) के ल‍िए नई  गेंद संभालने वाले चैटफील्ड का 1975 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण दिल दहलाने वाला था. न्यूजीलैंड के लिये ठीक 45 साल पहले पदार्पण करते हुए इंग्लैंड के गेंदबाज पीटर लीवर का बाउंसर उनके सिर पर लगा और वह बेहोश हो गए थे. इंग्लैंड टीम के फिजियो बर्नार्ड थामस ने तब उनकी जान बचायी थी जो ईडन पार्क पर दौड़कर वहां पहुंचे थे और उन्होंने अपने मुंह से उनके मुंह में सांस भरी थी. इसके बाद चैटफील्ड को अस्पताल ले जाया गया था.

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चैटफील्ड ने बताया कि उस घटना ने किस तरह से उन पर प्रभाव डाला और साफ किया कि उन्हें कभी नहीं लगा कि वह वापसी नहीं कर पाएंगे. न्यूजीलैंड की ओर से 43 टेस्ट और 114 वनडे खेलने वाले चैटफील्ड ने कहा, ‘नहीं मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं फिर कभी क्रिकेट में वापसी नहीं कर पाऊंगा.' उन्होंने कहा, ‘मेरे कहने का मतलब है कि मैं चोट को लेकर किसी परीक्षण से नहीं गुजरा. तब इसकी जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि मैं बाउंसर लगने से नीचे गिर गया था और मैं तब बेहोश था.' चैटफील्ड ने अपना अंतिम प्रथम श्रेणी मैच 1990 में खेला था लेकिन वह 2019 तक क्रिकेट खेलते रहे. तब उन्होंने अपने क्लब नेने पार्क की तरफ से अपना अंतिम मैच खेला था.

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चैटफील्ड (Ewen Chatfield) से पूछा गया कि इस हादसे से उबरने के बाद जब उन्होंने वापसी की तो क्या सामंजस्य बिठाने पड़े, ‘मैं दूसरों के बारे में नहीं जानता लेकिन मैं अपने बारे में कह सकता हूं और मैंने क्या महसूस किया. उन दिनों (1975) हेलमेट नहीं हुआ करता था. इसलिए जब मैंने फिर से खेलना (1977) शुरू किया तो मेरे पास हेलमेट था और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा.' उन्होंने कहा, ‘देखिये मैं तकनीकी तौर पर अच्छा बल्लेबाज तो था नहीं इसलिए हेलमेट से मेरा थोड़ा आत्मविश्वास बढ़ा. अगर मैं बल्लेबाजी नहीं कर पाता तो मुझे टीम में भी नहीं चुना जाता. ' चैटफील्ड को खुशी है कि आईसीसी ने गेंद सिर पर लगने से होने वाली बेहोशी के लिए अब नियम बना दिये हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने छह से सात सप्ताह का विश्राम लिया और पूरी सर्दियों में डॉक्टर के तब तक पास जाता रहा जब तक कि वह संतुष्ट नहीं हो गया कि मैं अब खेल सकता हूं.' चैटफील्ड ने कहा, ‘अब भी ऐसा ही हो रहा है. आईसीसी ने नियम बनाकर अच्छा किया. सभी खिलाड़ियों को इससे गुजरना होगा और जब तक वे फिट घोषित नहीं किये जाते तब तक उन्हें खेलने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)