अब पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर अहमदाबाद की पिच पर बुरी तरह बरसे, लेकिन...

Ind vs Eng: साल 1934-35 के बाद से यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास का दूसरा सबसे छोटी अवधि का टेस्ट मैच था. और इसी के बाद से विश्व क्रिकेट में इस मुकाबले की पिच को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. और अब इन सवालों में सबसे हालिया बड़ा नाम दिलीप वेंगसरकर का है, लेकिन इसके साथ ही वेंगी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को भी बुरी तरह से लताड़ लगायी है. 

अब पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर अहमदाबाद की पिच पर बुरी तरह बरसे, लेकिन...

भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर

नई दिल्ली:

दिग्गज पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर उन खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) की पिच को लेकर सवाल उठाए हैं. तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की करारी हार के बाद पिच को लेकर आवाज लगातार तेज हो रही है. वेंगसरकर ने कहा कि तीसरे टेस्ट की पिच टेस्ट क्रिकेट का एक "खराब विज्ञापन" है. अक्षर पटेल (Axar Patel) और आर. अश्विन (Ravichandran Ashwin) की गेंदबाजी के बूते भारत ने तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड को दस विकेट से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. यह टेस्ट मैच दो दिन से भी कम समय और 842 गेंदों के भीतर खत्म हो गया था. साल 1934-35 के बाद से यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास का दूसरा सबसे छोटी अवधि का टेस्ट मैच था. और इसी के बाद से विश्व क्रिकेट में इस मुकाबले की पिच को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. और अब इन सवालों में सबसे हालिया बड़ा नाम दिलीप वेंगसरकर का है, लेकिन इसके साथ ही वेंगी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को भी बुरी तरह से लताड़ लगायी है. 

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वेंगसरकर ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि तीसरे टेस्ट की पिच स्तरहीन रही. इस तरह की पिच टेस्ट क्रिकेट का एक खराब विज्ञापन हैं. लोग मैदान पर अच्छी क्रिकेट देखने के लिए मैदान पर आते हैं,  लेकिन तीसरे टेस्ट की पिच ने इन दर्शकों को यह मौका नहीं दिया. 


वेंगी बोले कि दोनों ही टीम के पास बेहतरीन खिलाड़ी हैं. और जब  जो. रूट जैसे महान बल्लेबाज को एक महान गेंदबाज (8 रन पर 5 विकेट) बनता हुआ देखते हैं, तो इसका मतलब यह है कि पिच में जरूर कुछ गड़बड़ है. हालांकि, इतना कहने के बाद पूर्व कप्तान ने इंग्लैंड की डिफेंसिव तकनीक पर भी सवाल उठाया. इंग्लैंड दोनों पारियों में 112 और 81 पर सिमट गया. 

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वेंगसरकर बोले कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों में जरूरी रक्षात्मक कौशल और इच्छाशक्ति का अभाव दिखायी पड़ा. ज्यादातर बल्लेबाज ऐसी सीधी रहती गेंद पर  आउट हुए, जो घुमार नहीं ले रही थीं. उनकी सुरक्षात्मक तनकीक निम्न स्तरीय और बहुत ही छिछले स्तर की थी. इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बिल्कुल भी नहीं पता था कि इन पिचों पर कैसी बल्लेबाजी करनी है. इन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि कब बैकफुट पर जाना है और फ्रंटफुट पर.  अपने समय के दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि कुछ बल्लेबाज पिच पर गार्ड लेने से पहले ही मानसिक रूप से आउट होते देखे गए. 
 

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(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)

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