
जैसे ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा की, भारत के ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पंड्या की दुनिया तेजी से पलट गई. उम्मीद थी कि रोहित शर्मा के संन्यास के बाद उन्हें टीम का नया टी-20 कप्तान नियुक्त किया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. गौतम गंभीर के भारतीय टीम का हेड कोच बनने के बाद चीजें तेजी से बदली और मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं ने एक अलग दृष्टिकोण अपनाया. श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टी20 टीम की कमान सूर्यकुमार यादव के हाथों में देकर, चयनकर्ताओं और मैनेजमेंट ने अपना इरादा साफ कर दिया है. वहीं इस सीरीज के लिए शुभमन गिल को उपकप्तान बनाया गया है.
जब से श्रीलंका के खिलाफ तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान किया गया है, तभी से आई कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मुख्य कोच गंभीर चाहते थे कि सूर्यकुमार यह भूमिका निभाएं, क्योंकि वह हार्दिक की निरंतरता और फिटनेस से सहमत नहीं थे. वहीं अब पीटीआई ने इस मामले में एक अलग ही तस्वीर पेश की है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दावा किया है कि गंभीर के हेड कोच बनने के हार्दिक के कप्तानी से हटने में एक भूमिका निभाई, लेकिन वह मुख्य चयनकर्ता अगरकर रहे, जिन्होंने पांड्या को कप्तानी नहीं देने का बड़ा फैसला लिया.
पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के मुख्य कोच के रूप में गंभीर के आने से स्पष्ट रूप से पंड्या की राष्ट्रीय कप्तानी की संभावनाओं को प्रभावित किया है, लेकिन अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली चयन समिति भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं थी कि वह सामरिक रूप से उतने अच्छे हैं जितनी एक अंतरराष्ट्रीय कप्तान से उम्मीद की जाती है. चयनकर्ताओं का मानना है कि हार्दिक को थोड़ी मदद की जरूरत है और जब हार्दिक गुजरात के साथ तो उनकी यह मदद आशीष नेहरा ने की थी. मार्क बाउचर मुंबई इंडियंस में वह व्यक्ति नहीं थे और सामान्य प्रतिक्रिया के अनुसार, भारतीय ड्रेसिंग रूम में युवा खिलाड़ियों के पास पंड्या की तुलना में सूर्या को बेहतर प्रतिक्रिया देने का मौका है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आईसीसी टी20 विश्व कप के फाइनल में अपनी धमाकेदार गेंदबाजी से सबक दिल जीतने वाले हार्दिक के पास आगे क्या विकल्प हैं. अगर हार्दिक श्रीलंका के खिलाफ टी20 में शानदार प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें इसका फायदा मिल सकता है. वह भारत के मैचों के लिए भी इंतजार नहीं कर सकते और उन्हें घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा. भारतीय क्रिकेट हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहता है और अगर पंड्या को अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी में जाना है तो उन्हें दिसंबर में बड़ौदा के लिए विजय हजारे ट्रॉफी खेलनी होगी.
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