'प्रिंस ऑफ कोलकाता' से बीसीसीआई के 'महाराज' तक, जानिए सौरव गांगुली के क्रिकेट का सफर..

'प्रिंस ऑफ कोलकाता' से बीसीसीआई के 'महाराज' तक, जानिए सौरव गांगुली के क्रिकेट का सफर..

Sourav Ganguly बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर नई पारी खेलने के लिए तैयार हैं

खास बातें

  • मंगलवार को बोर्ड अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला
  • आक्रामक अंदाज है सौरव गांगुली की पहचान
  • इसी के कारण कप्तान के रूप में रहे थे कामयाब

BCCI President Sourav Ganguly: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) क्रिकेट के मैदान पर जौहर दिखाने के बाद अब प्रशासक के तौर पर 'बड़ी पारी' खेलने को तैयार हैं. साथी खिलाड़ियों के बीच 'दादा' (बड़े भाई) के नाम से लोकप्रिय रहे सौरव ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष (BCCI President) पद का कार्यभार संभाल लिया है. वैसे, प्रशासक के तौर पर गांगुली के पास क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्‍यक्ष पद का अनुभव है. बीसीसीआई की सलाहकार समिति के सदस्‍य भी वे रहे हैं, लेकिन बोर्ड प्रमुख पद की जिम्मेदारी निश्चित रूप से उनके लिए चुनौतीपूर्ण होगी. उम्मीद की जानी चाहिए कि मुश्किल वक्त में सौरव ने जिस कुशलता से भारतीय क्रिकेट की कप्तानी को नए आयाम दिए थे उसी अंदाज में वे बीसीसीआई अध्यक्ष की जिम्मेदारी में भी खरे उतरेंगे. बोर्ड प्रमुख के तौर पर सौरव ने अपनी प्राथमिकता बता दी है. उन्होंने कहा, ‘मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा.  मैं तीन साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. सबसे पहले मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करूंगा.' सौरव को 'दादा' के अलावा 'महाराज' भी कहा जाता था, वही सौरव अब 'बीसीसीआई के महाराज' हैं.

Ravi Shastri के बारे में पूछे गए सवाल पर सौरव गांगुली ने दिया यह 'सपाट' जवाब...

सौरव गांगुली ने कप्तान के रूप में टीम इंडिया की कमान ऐसे समय संभाली थी जब फिक्सिंग की काली छाया ने खेल की छवि को गंदला कर दिया था. भारतीय टीम का आत्‍मविश्‍वास निचले स्‍तर पर  था. चयनकर्ताओं ने जब गांगुली को कप्‍तानी सौंपी तो शायद किसी ने उनसे बड़ी उम्‍मीद नहीं की थी लेकिन आक्रामक तेवरों वाले सौरव ने सीनियर्स को भरोसे में लिया और युवा प्‍लेयर्स की हौसला अफजाई कर टीम इंडिया को लड़ाकू इकाई में तब्दील कर दिया. आक्रामक अंदाज में कप्तानी करना सौरव की सबसे बड़ी 'यूएसपी' रही. महान ओपनर और क्रिकेट समीक्षक सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar)ने  सौरव गांगुली (Sourav Ganguly)की प्रशंसा करते हुए एक बार कहा था कि कप्‍तान के रूप में सौरव ने भारतीय टीम को को सिखाया कि जब विपक्षी खिलाड़ी आपको घूर रहा हो तो आप नजरें नीचे नहीं करें. इस तरह के आक्रामक तेवर सौरव के प्रशासक के तौर पर शुरू की जाने वाली पारी में भी नजर आ सकते हैं.


बृजेश पटेल थे प्रबल दावेदार लेकिन नाटकीय घटनाक्रम के बाद यूं बनी 'दादा' के नाम पर सहमति

नेटवेस्‍ट ट्रॉफी के फाइनल के दौरान इंग्‍लैंड के खिलाफ जीत के बाद 'क्रिकेट के मक्का' लॉर्डस की गैलरी से फुटबॉलर्स के अंदाज में टी-शर्ट घुमाकर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को 'चिढ़ाने' का काम सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ही कर सकते थे. दरअसल, यह सौरव का पिछले वनडे मैच में भारत के खिलाफ इंग्‍लैंड की जीत के बाद दौड़ते हुए टीशर्ट लहराने वाले फ्लिंटॉफ को जवाब था. यह भी कहा जाता है कि बिंदास सौरव ने एक बार ऑस्‍ट्रेलिया के तत्‍कालीन कप्‍तान स्‍टीव वॉ को टॉस के लिए मैदान पर इंतजार करने के लिए मजबूर कर दिया था. दरअसल आक्रामकता शुरू से ही सौरव के स्‍वभाव में रही है. 11 जनवरी 1992 को बेंसन एंड हेजेज त्रिकोणीय सीरीज में उन्‍होंने वेस्‍टइंडीज के खिलाफ वनडे खेलकर इंटरनेशनल करियर का आगाज किया. पहले मैच में महज तीन रन बनाकर आउट हुए सौरव को इस नाकामी के बाद सीरीज में ज्यादा मौके नहीं मिले और वे लगभग 'बिसार' दिए गए.

हार मानना सौरव (Sourav Ganguly)के स्वभाव में नहीं है. लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए 1996 में इंग्‍लैंड के खिलाफ सीरीज में उन्होंने फिर भारतीय टीम में जगह बना ली. इंग्‍लैंड के खिलाफ इस सीरीज के पहले दो टेस्‍ट में उन्होंने शतक जमाए और भारत के लिए इतने बेहतरीन तरीके से टेस्‍ट आगाज करने वाले बल्लेबाजों की जमात में खुद को शुमार कर लिया. ऑफ साइड पर सौरव के स्‍ट्रोक इतने नफासत भरे होते थे कि राहुल द्रविड़ ने एक बार कहा था कि 'ऑफ साइड पर पहले तो गॉड (भगवान) हैं और फिर सौरव गांगुली. टेस्ट और वनडे क्रिकेट दोनों में ही सौरव खासे कामयाब रहे. वे बेहतरीन बल्लेबाज तो थे ही, अपनी मध्यम गति की गेंदबाजी से भी उन्होंने भारतीय टीम की जीत में योगदान दिया. सौरव की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने विदेश मैदानों पर जीतने का सिलसिला शुरू किया और बाद में एमएस धोनी और विराट कोहली जैसे कप्तान ने इसे आगे बढ़ाया. इंग्‍लैंड के महान बल्‍लेबाज ज्‍यॉफ बायकॉट ने सौरव गांगुली "प्रिंस ऑफ कोलकाता" का नाम दिया था. आक्रामक अंदाज सौरव गांगुली की पहचान रहा है और लगता है कि इस 'नई पारी में भी सौरव गांगुली के आक्रामक तेवर जारी रहेंगे...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वीडियो: सौरव गांगुली ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया