
Mukesh Kumar in Team India Squad vs WI: तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने क्रिकेटर बनने तक के सफर में काफी चुनौतियों का सामना किया है और वेस्टइंडीज दौरे के लिये भारतीय टेस्ट और वनडे टीम में चुने जाने के बाद उनका कहा कि अब उनका सपना उनके सामने है. बंगाल के तेज गेंदबाज ने वेस्टइंडीज के आगामी दौरे के लिए टेस्ट और वनडे टीम में चुने जाने के बाद (Mukesh Kumar a Selection in team india vs wi) कहा, ‘‘कहते हैं ना कि अगर आप टेस्ट नहीं खेले तो क्या खेले. '' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सपना अब मेरे सामने है. मैं हमेशा यहां होना चाहता था, भारत के लिए टेस्ट खेलना चाहता था और मैं आखिर टीम में शामिल हो गया. ''
उनके पिता काशीनाथ सिंह उनके क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे और वे चाहते थे कि वह सीआरपीएफ से जुड़े. 2019 में उनके पिता का निधन हो गया. मुकेश दो बार सीआरपीएफ की परीक्षा में विफल रहे और बिहार की अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व करने के बाद उनका क्रिकेट करियर भी आगे नहीं बढ़ रहा था. उन्होंने फिर बंगाल में ‘खेप' क्रिकेट खेलने का फैसला किया. वह टेनिस बॉल क्रिकेट में गैर मान्यता प्राप्त क्लबों का प्रतिनिधित्व करते जिसमें उन्हें प्रत्येक मैच में 500 रूपये से लेकर 5000 रूपये मिलते.
मुकेश कुपोषण से जूझ रहे थे और उन्हें ‘बोन एडीमा' भी था जिसमें उनके घुटने में अत्यधिक पानी इकट्ठा हो जाता था जिससे वह मैच नहीं खेल पाते पर बंगाल के पूर्व तेज गेंदबाज राणादेब बोस ने उनकी जिंदगी बदल दी. बंगाल क्रिकेट संघ के ‘विजन 2020' कार्यक्रम में बोस ने मुकेश की प्रतिभा देखी. हालांकि वह ट्रायल्स में विफल रहे लेकिन बोस ने तब के कैब सचिव सौरव गांगुली को मनाया.
जिसके बाद संघ ने उनके खाने पीने का पूरा ध्यान रखा और उनका एमआरआई करवाया, उनके मेडिकल खर्चे का इंतजाम किया. फिर मुकेश ने 2015-16 में हरियाणा के खिलाफ बंगाल के लिए पदार्पण किया.
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