MSK प्रसाद का पलटवार, कहा-हम दूरदर्शी नहीं होते तो बुमराह और हार्दिक पंड्या टेस्‍ट क्रिकेटर नहीं बन पाते

MSK प्रसाद का पलटवार, कहा-हम दूरदर्शी नहीं होते तो बुमराह और हार्दिक पंड्या टेस्‍ट क्रिकेटर नहीं बन पाते

MSK Prasad ने मौजूदा चयन समिति के दूरदर्शी न होने के आरोपों का खंडन किया है

खास बातें

  • पहले शॉर्टर फॉर्मेट के खिलाड़ी ही माने गए थे बुमराह-पंड्या
  • कहा, हमने ही शॉर्टर फॉर्मेट में दो रिस्‍ट स्पिनर उतारे
  • कुलदीप-चहल के रूप में दो युवा स्पिनरों को मौका दिया
नई दिल्ली:

वर्ल्‍डकप 2019 (World Cup 2019) में टीम इंडिया (India Cricket team) की सेमीफाइनल में हार के बाद भी वेस्‍टइंडीज दौरे के लिए कप्‍तान के रूप में विराट कोहली  के स्‍वाभाविक चयन पर पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने गंभीर सवाल उठाए थे. गावस्‍कर ने इस मामले में एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) के नेतृत्‍व वाली चयन समिति को 'कमजोर' बताया था. भारत की वर्तमान चयनसमिति पर दूरदर्शी नहीं होने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन चयन समिति प्रमुख एमएसके प्रसाद इससे सहमत नहीं है. उन्‍होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah)टेस्ट स्तर पर शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाते और हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) जैसा खिलाड़ी टी20 से उभरकर टेस्ट क्रिकेटर नहीं बन पाता.

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प्रसाद (MSK Prasad) ने एक इंटरव्‍यू में बुमराह और पंड्या की सफलता पर बात की जिन्हें पहले शॉर्टर फॉर्मेट का विशेषज्ञ माना जाता था. इसके अलावा उन्होंने खेल के छोटे प्रारूप में दो युवा रिस्‍ट स्पिनरों को उतारने और महेंद्र सिंह धोनी के वर्तमान टीम में स्थान पर बात की. प्रसाद ने कहा, ‘‘अगर समिति के फैसलों में दूरदर्शिता की कमी होती तो फिर जिस जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को केवल सीमित ओवरों का क्रिकेटर माना जाता था वह कैसे टेस्ट क्रिकेट में आ पाता और ICC रैंकिंग में नंबर एक टेस्ट गेंदबाज बन पाता.' प्रसाद ने कहा, ‘यदि हम दूरदर्शी नहीं थे तो फिर हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) कैसे सभी प्रारूपों में आलराउंडर की भूमिका बखूबी निभा पाता. पंड्या को पहले केवल टी20 खिलाड़ी माना गया था.'


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चयनसमिति के अध्यक्ष ने इस संबंध में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav)और युजवेंद्र चहल (yuzvendra chahal) का भी उदाहरण दिया जिन्हें रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे स्थापित स्पिनरों की मौजूदगी के बावजूद सीमित ओवरों की टीम में रखा गया. उन्‍होंने कहा, ‘इसी समिति ने कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को आगे बढ़ाया जबकि सीमित ओवरों की टीम में हमारे पास अन्य स्थापित स्पिनर थे.' उन्होंने कहा, ‘अगर हम दूरदर्शी नहीं होते तो ऋषभ पंत कैसे इतने कम समय में टेस्ट टीम में जगह बना पाते क्योंकि किसी ने नहीं सोचा था कि उन्हें लंबी अवधि के प्रारूप में जगह मिल पाएगी. हम सभी ने देखा कि उसने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में विकेट के आगे और विकेट के पीछे अच्छा प्रदर्शन किया.' प्रसाद (MSK Prasad) से पूछा गया कि क्या धोनी को टीम में रखने के लिये मध्यक्रम के संतुलन से समझौता किया गया, उन्होंने कहा, ‘अगर शुरू में विकेट गंवाने के बाद हम वर्ल्‍डकप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत जाते तो फिर जडेजा और धोनी की पारियों को सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक गिना जाता.' उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि आज तक धोनी (MS Dhoni) सीमित ओवरों में भारत का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर और फिनिशर हैं, वर्ल्‍डकप में विकेटकीपर और बल्लेबाज के रूप में धोनी टीम के लिये बड़ी ताकत थे.

गौरतलब है कि वेस्‍टइंडीज दौरे के लिए विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखे जाने के फैसले के बाद गावस्‍कर (Sunil Gavaskar) मौजूदा चयन समिति के खिलाफ बेहद मुखर हैं. उन्‍होंने कहा था, 'हमारी जानकारी के मुताबिक उनकी (कोहली की) नियुक्ति वर्ल्डकप तक के लिए ही थी. इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर मीटिंग बुलानी चाहिए थी. यह अलग बात है कि यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती लेकिन ऐसा होना चाहिए था.' मिड-डे में प्रकाशित अपने लेख में गावस्कर ने लिखा, 'अगर उन्होंने (चयनकर्ताओं ने) वेस्टइंडीज (West Indies Cricket team) दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी मीटिंग के लिए कर लिया तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण हैं.' (इनपुट: भाषा)

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