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This Article is From Jan 09, 2024

'इस वजह से कई विकेट...', ICC ने केपटाउन पिच पर किया यह कमेंट, एक डिमेरिट प्वाइंट का मतलब जान लें

पिछली बार आईसीसी ने साल 2022 में भारत के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच को  को "औसत से नीचे"  की पिच करार दिया था. तब इस मैदान पर पिंक बॉल से टेस्ट मैच का आयोजन किया गया था.

'इस वजह से कई विकेट...', ICC ने केपटाउन पिच पर किया यह कमेंट, एक डिमेरिट प्वाइंट का मतलब जान लें
SA vs IND: केपटाउन में डेढ़ दिन में मैच खत्म होने के बाद जमकर बवाल मचा था
नई दिल्ली:

Capetown pitch report: पिछले दिनों भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे में केपटाउन में दूसरा टेस्ट मैच करीब डेढ़ दिन में ही खत्म हो गया, तो पिच के बारे में बहुत कुछ कहा गया. कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व दिग्गज वीरेंद्र सहवाग सहित कई लोगों ने पिच लेकर अपना-अपना नजरिया रखा था. सभी की बात का सार यही था कि जब भारत में डेढ़ दिन में मैच खत्म होते हैं, तो पिच के सिर दोष मढ़ दिया जाता है. ऐसे में केपटाउन की पिच को लेकर आईसीसी क्या कहती है? ध्यान दिला दें कि टेस्ट के पहले दिन 23 विकेट गिरे थे. इसी के बाद कप्तान रोहित (Rohit Sharma) ने सार्वनजिक रूप से पिच की आलचोना की थी. बहरहाल, अब मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड इंतजार खत्म करते हुए न्यूलैंड्स की पिच को लेकर अपनी रेटिंग दे दी है.

ब्रॉड ने कहा कि न्यूलैंड्स की पिच बल्लेबाजी करने के लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल थी. यहां की पिच में तेज उछाल था और कभी-कभी यह पूरे मैच के दौरान खतरनाक बना रहा. इसके कारण बल्लेबाजों को शॉट खेलने में खासी मुश्किल हुई. कई बल्लेबाजों के ग्लव्स पर गेंद लगी और कई विकेट इसी भद्दी उछाल के कारण गिरे. ब्रॉड ने केपटाउन में दूसरे टेस्ट में इस्तेमाल की गई पिच को "अंसतोषजनक" करार दिया है. साथ ही, पिच के हिस्से में एक डिमेरिट प्वाइंट भी आया है. 

एक डिमेरिट प्वाइंट का अर्थ

एक डिमेरिट प्वाइंट का अर्थ यह है कि औसत से नीचे की पिच. वहीं पुअर (खराब) पिच को दो प्वाइंट मिलते हैं. किसी भी अनफिट पिच को अधिकतम  पांच डिमेरिट प्वाइंट्स दिए जा सकते हैं. ये डिमेरिट प्वाइंट्स पांच साल तक सक्रिय रहते हैं. इसके तहत किसी भी मैदान को पांच या इससे ज्यादा डिमेरिट प्वाइंट मिलने पर इस पर 12 महीने का प्रतिबंध लगा दिया जाता है. 

भारतीय पिच को भी मिली थी 2022 में सजा

पिछली बार आईसीसी ने साल 2022 में भारत के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच को  को "औसत से नीचे"  की पिच करार दिया था. तब इस मैदान पर पिंक बॉल से टेस्ट मैच का आयोजन किया गया था. अधिकारियों ने पिच के बारे में रिपोर्ट दी थी. इसके बाद आईसीसी ने पिच को एक डिमेरिट प्वाइंट दिया था और आउटफील्ड की निगरानी प्रक्रिया पर ध्यान देने  को कहा था. तब श्रीनाथ ने रिपोर्ट में लिखा था, "पहले ही दिन पिच में बहुत ज्यादा घुमाव देखने को मिला. हालांकि, सेशन गुजरने के साथ ही इसमें सुधार हुआ, लेकिन यहां बल्ले और गेंद के बीच समान मुकाबला नहीं था."

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