रणजी नॉकआउट मैचों में होगा Limited DRS का उपयोग, जानें क्‍या हैं इसके मायने..

रणजी नॉकआउट मैचों में होगा Limited DRS का उपयोग, जानें क्‍या हैं इसके मायने..

खराब अंपायरिंग के चलते लिया गया निर्णय

खास बातें

  • इस सीजन में किया जाएगा रणजी नॉकआउट मुकाबलों में लिमिटेड डीआरएस
  • रणजी मुकाबलों में खराब अंपायरिंग की आई थीं शिकायत
  • सौराष्ट्र और कर्नाटक के मैच में चेतेश्वर पुजारा को नहीं दिया था आउट
मुंबई:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने साफ कर दिया है कि इस सीजन में रणजी नॉकआउट मुकाबलों में लिमिटेड डीआरएस (Limited DRS) का उपयोग किया जाएगा. BCCI के मुताबिक DRS में हॉकआउट और अल्ट्राएज का उपयोग नहीं होगा. इन दो तकनीकों का इस्तेमाल इंटरनेशनल क्रिकेट में किया जाता है. आपको बता दें कि बीते सीजन में रणजी मुकाबलों में खराब अंपायरिंग की शिकायत आई थीं. इसमें सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को जोरदार निक के बावजूद आउट नहीं दिया गया था. इसके बाद पुजारा ने शतक जमाकर मैच का नक्शा बदल दिया और कर्नाटक फाइनल में पहुंच गया. इस मैच के बाद मई में मुंबई में कप्तानों और कोचों ने एक बैठक के दौरान रणजी ट्रॉफी में DRS के इस्तेमाल की मांग की थी जिसे सीओए ने मंजूर कर लिया. 

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BCCI के महाप्रबंधक सबा करीम ने रणजी मैचों में Limited DRS के उपयोग की पुष्टि की है. करीम ने कहा, 'बीते साल कुछ नॉकआउट मैचों के दौरान अंपायरों से कुछ गलतियां हुई थीं और इसी कारण हमने इस तरह की स्थिति से बचने के लिए Limited DRS का उपयोग करने का फैसला किया है.'


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भारत में क्रिकेट का काम देख रही प्रशासकों की समिति ने इस साल जून में Limited DRS को हरी झंडी दे दी थी.

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