BCCI के SOP की वजह से खुद को कमरे में बंद नहीं कर सकता
कैंसर से उबर चुके बंगाल के कोच अरूण लाल (Arun Lal) का कहना है कि घरेलू टीमों के लिये भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू होने का यह मतलब नहीं कि वह खुद को कमरे में बंद कर लेंगे. बोर्ड ने राज्य संघों के लिये एसओपी जारी किया है जिसके अनुसार 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जिन्हें कोई बीमारी रही हो या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो, उन्हें सरकार के आगामी निर्देश मिलने तक अभ्यास शिविरों में नहीं आना चाहिये. अरूण लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह कैसे इस उम्र में देश चला रहे हैं. उन्होंने कहा ,‘‘प्रधानमंत्री 69 साल के हैं और ऐसे समय में देश चला रहे हैं. क्या उनको कोई इस्तीफा देने को कहता है.
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बंगाल को कोचिंग दूं या नहीं लेकिन मैं अपनी जिंदगी जिऊंगा. मुझसे यह अपेक्षा मत रखिये कि 65 साल का होने के कारण मैं अगले 30 साल तक खुद को एक कमरे में बंद कर लूंगा. ऐसा नहीं होगा. बंगाल के इस महान क्रिकेटर ने कहा कि वह सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन करेंगे लेकिन पृथकवास में नहीं रहेंगे.
बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की राज्य संघों को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) 60 साल से अधिक के व्यक्तियों को ट्रेनिंग शिविर का हिस्सा बनने से रोकती है जिसका असर अरूण लाल और आस्ट्रेलियाई डेव वाटमोर पर पड़ सकता है जो क्रमश: बंगाल और बड़ौदा की टीमों के कोच हैं. अप्रैल में 66 साल के वाटमोर को बड़ौदा का कोच नियुक्त किया गया था जबकि 65 साल के अरूण लाल के मार्गदर्शन में बंगाल (Bengal) ने मार्च में रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई थी.
बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष अविषेक डालमिया प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थे लेकिन बीसीसीआई (BCCI) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘‘यह एसओपी है. किसी भी टीम के लिए नियमों का उल्लंघन बेहद मुश्किल होगा. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अरूण लाn या वाटमोर जैसे कोच को बाहर रहना होगा.
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