
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और घरेलू टूर्नामेंटों में लगातार दमदार प्रदर्शन करने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए अनदेखी किए जाने के बाद सूर्यकुमार यादव (Suryakumar yadav) को काफी निराशा हुई थी, लेकिन मुंबई इंडियन्स के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) से बातचीत करने के बाद उन्हें अपने खेल पर ध्यान देने में मदद मिली. सूर्यकुमार ने कहा, ‘उस समय (टीम की घोषणा के बाद) जिम में रोहित (Rohit Sharma) मेरे बगल में बैठे थे और उन्होंने मेरी तरफ देखा और मैंने कहा, ‘जाहिर है, मैं थोड़ा निराश हूं',क्योंकि वह महसूस कर पा रहे थे कि मैं अच्छी खबर का इंतजार कर रहा था.'
उन्होंने बताया, ‘बाद में, रोहित ने मुझे कहा, ‘मेरा मानना था कि आप अभी टीम के लिए शानदार काम कर रहे हैं, और उस (चयन नहीं होने पर) के बारे में सोचने के बजाय, आप सिर्फ वही चीजें करते रहिये जो आप इस आईपीएल में पहले दिन से करते आ रहे हैं. और जब समय सही होगा, तो आपको मौका मिलेगा. यह आज हो या कल , यह होगा आपको बस खुद पर विश्वास रखना होगा.' आईपीएल से पहले घरेलू सत्र में भी सूर्यकुमार कुछ वर्षों से लगातार अच्छा कर रहे है लेकिन फिर भी उन्हें भारतीय टीम में मौका नहीं मिला.
Keep going,because you did'nt come this far to only come this farpic.twitter.com/WX3Xv7Zd66
— Surya Kumar Yadav (@surya_14kumar) November 22, 2020
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उन्होंने कहा कि रोहित के ‘उन शब्दों' ने उन्हें निराशा से बाहर आने में मदद की. उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में अच्छा महसूस कर रहा था क्योंकि मुझे पता था कि उनकी बातों से पहले मैं उस समय कैसा महसूस कर रहा था. वह इसे मेरी आँखों में स्पष्ट रूप से देख पा रहे थे. मुझे लगता है कि इस निराशा से बाहर निलने में उनकी बातों में मेरी मदद की.' मुंबई के 30 साल के इस बल्लेबाज ने माना कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए टीम का चयन उनके दिमाग में था. उन्होंने हालांकि दिमाग को भटकने से बचाने के लिए कुछ चीजों को खुद से अलग किया था.
मध्यक्रम के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘टूर्नामेंट के दौरान मैं थोड़ा निराश था. मुझे पता था कि उस दिन टीम का चयन होना था. मैं खुद को व्यस्त रखने की कोशिश कर रहा था और अपने दिमाग में चयन की बातों को नहीं आने देना चाहता था.' सूर्यकुमार ने जब देखा कि उनका नाम सूची में शामिल नहीं है, तो उन्हें काफी निराशा हुई. उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक कमरे में बैठ गया और सोचने लगा, मेरा नाम क्यों नहीं है, लेकिन टीम को देखने के बाद लगा कि उसमें बहुत सारे खिलाड़ी है जिन्हें भारतीय टीम और आईपीएल में खूब रन बटोरे है.'
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उन्होने कहा, ‘फिर मुझे लगा कि इन बातों को सोचने के बजाय मुझे अपना काम करना चाहिये जो है लगातार रन बनाना. यही मेरे हाथ में है. और जब मौका मिले तो दोनो हाथों से उसे अपना लेना.' उन्होंने मुंबई इंडियन्स को पांचवीं बार चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, ‘जब टूर्नामेंट शुरू हुआ तो मुझे लगा कि अधिक रन बनाने से ज्यादा जरूरी यह कि मैं टीम को जीत दिलाने में कैसे मदद कर सकता हूं.'
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