
यह तो सभी के सामने है कि पिछले दिनों ईशान किशन (Ishan Kishan) का मानसिक थकावट के कारण टीम से हटने का फैसला कितना ज्यादा चर्चा में रहा. यह विषय एक तरह से विवाद में तब्दील हो गया था. एक वर्ग इशान के पक्ष में था, तो दूसरा विरोध में. बहरहाल, इस मामले में टीम प्रबंधन की राय एकदम साफ है. और हेड कोच ने फरमान जारी करते हुए कहा कि ईशान किशन (Ishan Kishan) को राष्ट्रीय टीम में चयन के विचार के लिए ‘किसी प्रकार का क्रिकेट' खेलना शुरू करना होगा. घरेलू क्रिकेट से लंबे ब्रेक के बारे में पूछने पर द्रविड़ ने कहा इस खिलाड़ी ने खुद ‘ब्रेक' मांगा था. कुछ ही समय पहले तक सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के नियमित सदस्य, किशन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच में ब्रेक मांगने के बाद से खेल से दूर हैं. वह भारत के लिए पिछली बार नवंबर में खेले थे. वह मौजूदा रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए अभी नहीं खेल रहे हैं.
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द्रविड़ ने कहा, हर किसी के लिए वापसी का एक तय रास्ता है. मैं किशन मुद्दे पर उस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता. मैंने जितना हो सके उसके समझाने की कोशिश की है. मुद्दा यह है कि उसने खुद ‘ब्रेक' का अनुरोध किया था, हम उसे ‘ब्रेक' देकर खुश हैं. भारतीय कोच ने कहा, ‘जब भी वह तैयार हों, मैंने यह नहीं कहा कि उसे घरेलू क्रिकेट खेलना है. मैंने कहा कि जब भी वह तैयार है, उसे कुछ क्रिकेट खेलना होगा और वापस आना होगा. यह उसे तय करना है कि वह कब खेलना शुरू करेगा. हम उसे कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं.'
मौजूदा श्रृंखला में केएस भरत की खराब बल्लेबाजी के बाद टीम में किशन की वापसी की मांग उठ रही है. ऋषभ पंत दिसंबर 2022 में कार दुर्घटना की चोट से पूरी तरह से उबरे नहीं है. शुरुआती दो टेस्ट में भरत के अलावा टीम में विकेटकीपर ध्रुव जुरेल भी शामिल थे. द्रविड़ ने कहा, ‘हम किशन के संपर्क में हैं. उन्होंने अभी तक ठीक से खेलना शुरू नहीं किया है. इसलिए फिलहाल इस पर हम विचार नहीं कर सकते. ऋषभ के चोटिल होने और अन्य चीजों के कारण हमारे पास विकल्प हैं. मुझे यकीन है कि चयनकर्ता सभी विकल्पों पर विचार करेंगे.'
द्रविड़ ने कहा कि भरत खुद भी अपनी बल्लेबाजी से खुश नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ‘इसके लिए निराशा कड़ा शब्द है. मैं उस शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा. कई बार युवा खिलाड़ियों को सामंजस्य बिठाने में समय लगता हैय वह अपनी गति से आगे बढ़ते हैं. एक कोच के तौर पर चाहते हैं कि खिलाड़ी मौके का फायदा उठाये. उसकी विकेटकीपिंग अच्छी है और वह खुद भी यह मानेगा कि वह बल्ले से अच्छा कर सकता था.'
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