
आईपीएल 2025 के लिए मेगा नीलामी से पहले सभी 10 फ्रेंचाइजी को पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने और एक राइट-टू-मैच कार्ड का इस्तेमाल करने का विकल्प मिल सकता है. इससे पहले एक रिपोर्ट में पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने की बात तो थी, लेकिन राइट-टू-मैच के विकल्प पर कोई जानकारी नहीं थी. वहीं अब ईएसपीएन क्रिकइन्फो ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आईपीएल 2025 की नीलामी के दौरान सभी फ्रेंचाइजी को संभवतः पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने के साथ साथ एक राइट-टू-मैच कार्ड का उपयोग करने का विकल्प भी दिया जाएगा.
बीसीसीआई की तरफ से अभी तक रिटेंशन नियम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. रिपोर्ट की मानें तो आईपीएल 2025 सीज़न के लिए मेगा नीलामी से पहले रिटेंशन नियमों को अंतिम रूप देने के लिए इस विकल्प को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है.
हालांकि, यह अभी तक कंफर्म नहीं हुआ है कि जिन पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने का विकल्प दिया जाएगा, उसमें विदेशी खिलाड़ियों को रिटेन करने की कोई सीमा है या नहीं. साथ ही यह कंफर्म नहीं हैं कि कितने भारतीय खिलाड़ियों के सेट को रिटेन किया जा सकता है.
वहीं रिटेंशन सैल्ब को लेकर भी अभी कोई जानकारी नहीं है. वहीं नीलामी के लिए टीमों का पर्स कितना होगा, इसकी भी जानकारी नहीं है. लेकिन रिपोर्ट में दावा है कि मेगा नीलामी को देखते हुए फ्रेंचाइजी का पर्स 115-120 करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है.
रविवार को बीसीसीआई की आम सालाना बैठक होगी और इससे पहले बेंगलुरु में सप्ताह के अंत में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक होनी थी. अगर आईपीएल गवर्निंग काउंसिल 5 + 1 (पांच रिटेंशन और एक राइट टू मैच) मॉडल को मंजूरी दे देती है, तो यह टूर्नामेंट के इतिहास में अनुमत रिटेंशन की सबसे अधिक संख्या होगी.
आईपीएल 2018 के लिए टीम चुनने के लिए 2017 की मेगा नीलामी से पहले, पांच रिटेंशन की मंजूरी थी, लेकिन इसमें शर्त थी. जिसमें तीन सीधे रिटेंशन या तीन आरटीएम कार्ड के संयोजन थे और कुल पांच रिटेंशन में तीन से अधिक भारतीय खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमती नहीं थी.
क्या होता है राइट टू मैच (What is Right to Match)
राइट टू मैच विकल्प, नीलामी के दौरान फ्रेंचाइजी को बोली समाप्त होने के बाद किसी अन्य फ्रेंचाइजी द्वारा खिलाड़ी के लिए लगाई गई उच्चतम बोली की बराबरी करके अपने खिलाड़ी को वापस खरीदने की क्षमता देता है. हालांकि, इसे आईपीएल द्वारा 2022 की मेगा नीलामी से पहले खारिज कर दिया गया था.
आठ मौजूदा टीमों को प्रत्येक में अधिकतम चार खिलाड़ियों को बनाए रखने की अनुमति दी गई थी, जबकि दो नई फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जाइंट्स को नीलामी से पहले बाकी खिलाड़ियों के पूल से तीन खिलाड़ियों को चुनने का विकल्प दिया गया था. 2022 की नीलामी के लिए पर्स 90 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जो 2017 की तुलना में 10 करोड़ रुपये अधिक था.
बता दें, राइट टू मैच कार्ड जुलाई की बैठक में बहस के प्रमुख बिंदुओं में से एक था. रिपोर्ट की मानें तो कम से कम तीन फ्रेंचाइजी ने आठ आरटीएम तक रखने के पक्ष में थीं, लेकिन कई अन्य फ्रेंचाइजी ने इस विचार पर आपत्ति जताई थी.
जिन फ्रेंचाइजी ने आठ आरटीएम तक रखने की मांग की थी, उनमें सनराइजर्स हैदराबाद भी थी, जिसकी मालिक काव्या मारन ने कहा कि उनकी फ्रेंचाइजी सात आरटीएम का समर्थन करेगी, साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशी या भारतीय खिलाड़ियों को कैसे बरकरार रखा जाए, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए.
रिटेंशन नियमों में हो रही देरी
रिपोर्ट की मानें तो आईपीएल ने फ्रेंचाइजी को नवंबर के अंत में खिलाड़ियों की नीलामी की संभावना का संकेत दिया है, लेकिन रिटेंशन नियमों को अंतिम रूप देने और साझा करने में देरी हुई है. ऐसा तब है जब आईपीएल ने 31 जुलाई को मुंबई में टीम मालिकों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान फ्रेंचाइजियों को बताया था कि अगस्त के अंत तक रिटेंशन नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा और साझा किया जाएगा.
अगर बीसीसीआई रिटेंशन को लेकर 5+1 फॉर्मूले को अनुमती देती है तो ऐसी स्थिति में फ्रेंचाइजी अपनी टीम के कोर को बनाए रखने में सफल हो पाएंगे. उदाहरण के लिए मुंबई इंडियंस, ऐसी स्थिति में हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह और ईशान किशन, जो उनकी कोर टीम का हिस्सा हैं, उन्हें आसानी से रिटेन कर पाएगी.
ऐसी स्थिति में टीमों की सूरत अधिक नहीं बदलेगी, बशर्ते फ्रेंचाइजी अपने कोर में बदलाव ना करें या कोई कोई खिलाड़ी किसी फ्रेंचाइजी के साथ नहीं रहना चाहे तो.
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