
कुछ महीने पहले गौतम गंभीर के जाने के बाद केकेआर (KKR) ने अपने प्रबंधन में कुछ बदलाव किए हैं. और इस बारे में चर्चा हो रही है. गंभीर के जाने के बाद केकेआर ने विंडीज दिग्गज ड्वेन ब्रावो को अपना मेन्टॉर नियुक्त किया था. जब गंभीर टीम में थे, तो अलग बात थी, लेकिन अब कई रणजी ट्रॉफी टीमों के कोच और अपने बर्ताव और खास घटनाओं के कारण चर्चा में रहे केकेआर के हेड कोच और पूर्व भारतीय क्रिकेटर चंद्रकांत पंडित की ब्रावो के साथ छनने को लेकर चर्चा अभी से शुरू हो गई है. ब्रावो मॉडर्न ऐरा के खिलाड़ी हैं, तो पंडित अपने पारंपरिक तौर-तरीकों के लिए जाने जाते हैं. हरभजन ने इस पर कमेंट करते हुए इस सीजन में श्रेयस अय्यर की जगह अजिंक्य रहाणे को कप्तान बनाने पर हैरानी जाहिर की है.
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'ये कप्तानी के बेहतर विकल्प थे'
हरभजन ने ब्रावो और पंडित के बीच दरार की ओर इशारा करते हुए कहा, 'ये दोनों ही पूरी तरह से जुदा व्यक्तित्व हैं. एक ऐसा है, जो सुबह पांच बजे जागता है, तो दूसरा ऐसा जो 6 बजे बिस्तर पर सोने जाता है. ऐसे में यह देखने की बात होगी कि ये दोनों कैसे काम करते हैं' बता दें कि जहां ब्रावो बहुत ही सहजता और नैसर्गिक रूप से काम करते हैं, तो पंडित अपने माक्रो मैनेजमेंट के लिए जाने जाते हैं. इसमें खिलाड़ियों की डाइट, कर्फ्यू और प्रैक्टिस ड्रिल जैसी बातें शामिल हैं, जो इनकी शैली को एकदम एक-दूसरे के उलट बनाती हैं.
'यह रहाणे की ताकत नहीं'
वहीं, भज्जी ने रहाणे के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुनील नरेन या फिर वेंकटेश अय्यर बेहतर विकल्प हो सकते थे. पूर्व ऑफी बोले, 'अगर केकेआर ने रहाणे को सिर्फ कप्तानी के लिए लिया है, तो मुझे लगता है कि यह काम सुनील नरेन या वेंकटेश अय्यर भी कर सकते थे' वहीं, उन्होंने रहाणे की बैटिंग पोजीशन पर कहा, 'अगर केकेआर के विकेट जल्द ही गिर जाते हैं, तो रहाणे का रोल नजर आता है. ऐसे में वह नंबर तीन पर फिट बैठते हैं. लेकिन अगर उन्हें 12-13 ओवर बैटिंग करनी है, तो यह उनकी ताकत नहीं है.
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