
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) में चेन्नई सुपर किंग्स जब शनिवार को टूर्नामेंट के उद्घाटक मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैदान पर उतरी, तो बड़ी संख्या में फैंस को नजारा अजीब लगा क्योंकि आईपीएल के इतिहास में तो यह पहली बार था, जब एमएस धोनी किसी मैच में चेन्नई के लिए टॉस के लिए मैदान पर नहीं उतरे थे. या कहें कि यह चेन्नई सुपर किंग्स के इतिहास में सिर्फ दूसरा मौका था, जब एमएस ने उसकी कप्तानी नहीं की. इससे पहले एमएस धोनी ने साल अक्टूबर 22 साल 2012 में चैंपियंस लीग में यॉर्कशायर के खिलाफ चेन्नई की कप्तानी नहीं की थी. तब सुरेश रैना ने टीम की कमान संभाली थी.
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बहरहाल, अब सुपर किंग्स के कप्तान रवींद्र जडेजा हैं, जिन्होंने हालिया सालों में खेल के हर विभाग में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपना कद खासा ऊंचा किया, जिसका इनाम उन्हें कप्तानी के रूप में मिला. सुपर किंग्स के कोच फ्लेमिंग ने मैच के बाद कहा भी कि रवींद्र जडेजा कप्तानी के लिए चेन्नई की स्वाभाविक पसंद थे. बहरहाल, रवींद्र जडेजा को इसके लिए लंबी तपस्या करनी बड़ी, जो आईपीएल में अपने आप में किसी बड़े रिकॉर्ड से कम नहीं है.
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जी हां, जडेजा अब सबसे ज्यादा मैच खेलकर कप्तानी हासिल करने वाले खिलाड़ियों के मामले में पहले नंबर पर हैं. जडेजा को आईपीएल में दो सौ मैच खेलने के बाद यह पुरुस्कार मिला. जडेजा के बाद इस मामल में मनीष पांडेय (153 मैच), केरोन पोलार्ड (137 मैच), रविचंद्रन अश्विन (101 मैच), संजू सैमसन (107 मैच) और फिर भुवनेश्वर कुमार (103) का नंबर आता है. यह बताता है कि जडेजा को कप्तानी लेने के लिए कितनी कड़ी तपस्या और प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, लेकिन यहां सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने कप्तानी धोनी जैसे शख्स से हासिल की है, जो टूर्नामेंट की शुरुआत से लेकर अभी तक टीम का कप्तान रहा और जिससे कप्तानी लेने के लिए कुछ ऐसी ही तपस्या से गुजरना पड़ता है.
VIDEO: धोनी के कोच ने उन्हें लेकर खुलासा किया है.
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