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This Article is From Aug 14, 2020

इन कंपनियों ने दस्तावेज जमा किए, सर्वाधिक बोली अधिकार की गारंटी नहीं

IPL 2020: इसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के वरिष्ठ सूत्र ने कहा, ‘‘हां, अनअकैडमी (Unacademy) और ड्रीम11 (Dream 11) ने आईपीएल के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल करने के लिये ईओआई सौंप दिया है.

इन कंपनियों ने दस्तावेज जमा किए, सर्वाधिक बोली अधिकार की गारंटी नहीं
IPL 2020 की प्रतीकत्मक तस्वीर
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पांच कंपनियां हैं अधिकार की होड़ में
टाटा एंड संस है सबसे प्रबल दावेदार
सबसे ज्यादा बोली लगाना अधिकार की गारंटी नहीं
नई दिल्ली:

Indian Premier League 2020: शिक्षा प्रौद्यौगिकी कंपनी ‘अनअकैडमी' और फंतासी स्पोर्ट्स मंच ‘ड्रीम11' ने इस साल चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो की जगह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल करने के मद्देनजर औपचारिक रूप से रूचि जताने संबंधित दस्तावेज (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट - ईओआई) सौंप दिये हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख शुक्रवार तक ही थी. आईपीएल का आयोजन 19 सितंबर से 10 नवंबर तक इस साल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में किया जाएगा.

इसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के वरिष्ठ सूत्र ने कहा, ‘‘हां, अनअकैडमी (Unacademy) और ड्रीम11 (Dream 11) ने आईपीएल के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल करने के लिये ईओआई सौंप दिया है.' काफी अटकलें थीं कि टाटा मोटर्स में भी इसमें शामिल होगा लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी कि कंपनी ने अपनी दिलचस्पी पेश की है कि नहीं. अधिकारी ने कहा, ‘‘ईओआई में बोली लगाने की राशि का जिक्र नहीं होता. यह 18 अगस्त को भेजा जाएगा.' बीसीसीआई ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऊंची बोली लगाने वाले को तब तक टाइटल प्रायोजन अधिकार नहीं मिल सकते जब तक मूल संस्था उसकी योजना से संतुष्ट नहीं हो.'
 

बीसीसीआई के उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार, टाटा एंड संस ने प्रायोजन अधिकार हासिल करने के लिए बोली लगाई है. और बहुत ही मजबूत देशी ब्रांड होने के कारण बाकी चार प्रतिद्वंद्वियों से यह कंपनी काफी आगे है. बीसीसीआई की प्राथमिकता इस बार यही है कि आईपीएल के प्रायोजन अधिकार इस बार किसी भारतीय कंपनी को मिलें. फिर भले ही उसे कीमत से थोड़ा-बहुत समझौता करना पड़े. बहरहाल, इस बारे में कोई भी आधिकारिक घोषणा बीसीसीआी द्वारा 18 अगस्त को की जाएगी.  बता दें कि अधिकार के लिए बोली लगाने वाली पांच में से चार कंपनियां भारत की हैं. ये कंपनियां टाटा संस, एजुकेशन से जुड़ी अनअकदामी, जियो और पतांजलि हैं. चीन के निवेश के साथ बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी बाइजू है. और यही बाइजू के लिए माइनस प्वाइंट है. 

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