
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) में एक दिन पहले एक बेहतरीन प्रदर्शन की चर्चा अभी भी जोर-शोर से हो रही है. सेलेक्टर्स से लेकर फैंस तक इस बारे में बात कर रहे हैं और अगले कई दिन तक करेंगे. वास्तव में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (RCB) के मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) का स्पेल है कि न आलोचकों की नजरों से ओझल हो पा रहा है और न ही किसी ओर की. वास्तव में यह मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) के चार ओवरों में 8 रन देकर चटकाए तीन विकेट ही थे, जिसने बुधवार को केकेआर की गाड़ी ट्रैक पर चढ़ने से पहले ही उतार दी. और एक बार यह गाड़ी क्या उतरी कि आखिर तक फिर से ट्रैक पर चढ़ ही नही सकी. बेगलोर की शानदार जीत रही और चर्चाओं में रहा एक नाम..सिराज...सिराज...सिराज!! सिराज (Mohammed Siraj) के इस प्रदर्शन को टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने भी ट्वीट करके सराहा.
Mohammed Siraj's bowling brilliance - 3/8 @imVkohli@RCBTweets pic.twitter.com/bA6r7vLW0o
— MS IQBAL (@mdsaifiqbal729) October 21, 2020
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मोहम्मद सिराज के इस प्रदर्शन के बाद इस बात की उम्मीद बढ़ गयी है कि मोहम्मद सिराज ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने वाली भारतीय टेस्ट और वनडे टीम का हिस्सा हो सकते है. बहरहाल, हैदराबाद के पूर्व रणजी खिलाड़ी अब्दुल अजीम का मानना है कि हैदराबाद में यह अंडर-23 मुकाबले में सिराज के चटकाए तीन विकेट थे, जिन्होंने उनकी जिंदगी बदल दी. यह अजीम ही थे, जिन्होंने सिराज को अच्छी तरह क्रिकेट खेलने का मौका दिया था.
Pace, Swing, great seam presentation and figures to dream of. A Dream performance - Mohammed Siraj #IPL2020 pic.twitter.com/B67btZl7r4
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) October 22, 2020
अजीम ने कहा कि बीस साल की उम्र तक सिराज के पास अच्छे जूते तक नही थे, लेकिन हैदराबाद में दो छोटे कमरे के मकान से अब बेहतरीन सफलता हासिल करने वाले सिराज की पांच साल की प्रगति ने अजीम सहित कई पंडितों को हैरान किया है. अजीम ने कहा कि मेरे लिए सिराज की कामयाबी किसी चमत्कार सरीखी है. मैंने पहले कभी इस तरह की कामयाबी नहीं ही देखी है. केवल अल्लाह ही ऐसी बातें कर सकता है. सिराज की मां अजीम की बहन के यहां काम करती थीं.
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अजीम ने कहा कि सिराज की मां ने लगभग हर दिन मुझसे अपने बेटे की मदद करने को कहा. वह मुझ से कहा करती थीं कि कृपया मेरे बेटे की मदद करें. उसकी पढ़ाई में बिल्कुल भी रुचि नहीं है और वह हर समय क्रिकेट खेलता रहता है. रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक लगाने वाले भारत के सातवें क्रिकेटर अब्दुल अजीम ने जब सिराज को पहली बार गेंदबाजी करते देखा, तो अजीम को उनमें कुछ खास दिखाई नहीं पड़ा.
अजीम कहते हैं कि जब मैंने पहली बार सिराज को देखा, तो ईमानदारी से कहूं कि वह मुझे बहुत ही साधारण गेंदबाज दिखाई पड़ा. लेकिन अब जबकि वह बहुत ही गरीब परिवार से आता था और उसके पिता ऑटो ड्राइवर थे, तो मैंने उसकी मदद करने का फैसला लिया. तब सिराज कॉर्पोरेट टीमों के लिए खेलता था और उसे प्रति मैच 200 रुपये मिलते थे. ऐसे में मैंने उसकी मां से कहा कि जब तक वह लीग क्रिकेट नहीं खेलता और बेहतर नहीं करता, तब तक हैदराबाद के लिए उसके नाम पर विचार नहीं हो सकता.
अजीम ने बताया कि ऐसे में सिराज ने चारमीनार टीम ज्वाइन कर ली और लीग में खेलना शुरू कर दिया. मैंने अपने सेलेक्टर दोस्तों से कहा कि अगर यह लड़का अच्छा करता है, तो इसकी मदद करें. ऐसे में एक ट्रॉयल मैच में सिराज ने शीर्ष तीन बल्लेबाजों के विकेट चटकाए. इस प्रदर्शन से उसे राज्य की अंडर-23 टीम में जगह मिली और यहां से उसका जीवन बदल गया.
लेकिन सिराज का करियर बदला इस समय भारतीय टीम के बॉलिंग कोच भरत अरुण ने. अरुण साल 2015-16 में हैदराबाद रणजी टीम से जुड़े और उनके मागर्शन से सिराज बतौर बॉलर लगातार बदलते चले गए. सिराज खुद कहते हैं कि भरत अरुण ने उनके करियर में अहम भूमिक निभायी. वह जानते थे कि मेरे भीतर भारत के लिए खेलने की क्षमता है. जब वह हैदराबाद के कोच थे, तो मुझे उनसे बहुत फायदा हुआ.
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