
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पिछले दिनों इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) के लिए सभी फ्रेंचाइजी टीमों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया था, लेकिन अब फ्रेंचाइजी टीमें इसमें कुछ बदलाव चाहती हैं. इसमें क्वारंटीन के दिनों को छह दिनों को तीन दिन किया जाना शामिल है. इसके अलावा टीमों के कई व्यावहारिक सवाल हैं, जिन पर पेंच फंसा हुआ है और बीसीसीआई (BCCI) से प्रोटोकॉल में बदलाव के लिए कहा कया है. सूत्रों के अनुसार फ्रेंचाइजी टीमों ने बीसीसीआई से लिखा कि हम जानते हैं कि हालिया विंडीज-इंग्लैंड सीरीज टीमों को इंग्लैंड पहुंचने के बाद तीसरे दिन से प्रैक्टिस की अनुमति दी गई. फ्रेंचाइजी टीमों ने पूछा है कि क्या खिलाड़ियों को यूएई पहुंचने के बाद क्वारंटीन के छह के बजाय तीन दिन बाद प्रैक्टिस का रास्ता निकाला जा सकता है. कुल मिलाकर फ्रेंचाइजी ने बीसीसीआई (BCCI) से कई अहम मांगें की हैं.
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NEWS: #VIVOIPL 2020 to commence on 19th September, final to be played on 10th November.
— IndianPremierLeague (@IPL) August 2, 2020
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बता दें कि बीसीसीआई के प्रोटोकॉल के अनुसार खिलाड़ियों को यूएई पहुंचे के बाद पहले, तीसरे और छठे दिन कोरोना टेस्ट से गुजरना होगा. इन तीनों टेस्ट के निगेटिव आने के बाद ही खिलाड़ियों को ट्रेनिंग शुरू करने की अनुमति दी जाएगी. इन तीनों टेस्ट में निगेटिव आने के बाद खिलाड़ी और टीम स्टॉफ बायो-सिक्योर वातावरण में प्रवेश करेगा और पूरे टूर्नामेंट के दौरान इसमें बना रहेगा. बीसीसीआई के डॉक्योमेंट के अनुसार बायो-सिक्योर वातावरण में पूर टूर्नामेंट के दौरान हर पांचवें दिन खिलाड़ियों का टेस्ट होगा.
खिलाड़ियों को जल्द भेजने की मांग
वहीं, फ्रेंचाइजी टीमों ने यह भी कहा है कि क्या बीसीसीआई उन खिलाड़ियों और स्टॉफ को जल्द यूएई भेजे जाने पर विचार कर सकता है जो कैरेबियाई प्रीमियर लीग और इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सीरीज खेल कर आ रहे सीपीएल 10 सितम्बर को खत्म होगी, जबकि इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया सीरीज 16 सितंबर को खेली जाएगी. इन दोनों ही सीरीजों से करीब 25 खिलाड़ी आईपीएल में खेल रहे हैं.
मालिकों व परिजनों को करना होगा प्रॉटोकॉल का पालन
वहीं, बीसीसीआई के एसओपी में लिखा है कि टीम मालिक और परिवार के सदस्य बिना बायो-सिक्योर वातावरण का हिस्सा हुए बिना खिलाड़ियों से बातचीत नहीं कर सकते. मतलब खिलाड़ियों के साथ जाने वाले टीम मालिकों और परिवार के सदस्यों को बायो-सिक्योर वातावरण के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. इसलिए फ्रेंचाइजी टीमों ने पूछा है कि क्या कोई विशेष प्रोटोकॉल है, जिसे खिलाड़ियों के साथ यदा-कदा बातचीत के लिए बनाया जा सकता है. कारण यह है कि टीम मालिक तीन महीने के लिए बायो सिक्योर वातावरण में नहीं रह पाएंगे. यहां टीम मालिकों की चिंता सिर्फ खिलाड़ियों की सुरक्षा है, जिन्हें अस्सी से ज्यादा दिन बायो-सिक्योर वातावरण में रहना होगा.
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इस पर भी विचार करे बोर्ड
इसलिए फ्रेंचाइजी टीमों ने बीसीसीआई से पूछा है कि क्या बीसीसीआई खिलाड़ियों की मैदान के बाहर की गतिविधियों जैसे दूसरे खेल खेलना, टीम डिनर, परिवार का डिनर आदि के लिए एसओपी पर विचार कर सकता है. इसके अलावा फ्रेंचाइजी ने कमर्शियल गतिविधि मसलन शूटिंग, मिलना और स्वागत करना वगैरह-वगैरह बातों के लिए भी प्रोटोकॉल बनाने को कहा है.
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