खास बातें
- सुनील गावस्कर ने की थी फैसले की कड़ी आलोचना
- बाद में अजिंक्य रहाणे ने दी थी न खिलाने पर सफाई
- विंडीज के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड है अश्विन का
नई दिल्ली: एंटिगा में विंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट (WI vs IND, 1st Test) शुरू होने के बाद से ही यह बहस बहुत ही जोर-शोर से चल रही है कि ऑफी आर. अश्विन (R Ashwin) को टीम से ड्रॉप क्यों किया गया. जहां सुनील गावस्कर ने इस फैसले के लिए विराट कोहली को जमकर फटकार लगाई, तो और भी कई दिग्गजों ने इस फैसले के की कड़ी आलोचना की थी. हालांकि, बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उप-कप्तान अंजिक्य रहाणे ने इस फैसले के लिए सफाई दी, लेकिन यह किसी के भी गले नहीं ही उतरी. बहरहाल, अब हरभजन सिंह ने अश्विन को इलेवन से बाहर रखे जाने का खुलासा किया है.
यह भी पढ़ें: अब इस रूप में जयपुर एयरपोर्ट पर नजर आए पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, देखें VIDEO
ध्यान दिला दें कि अश्विन का रिकॉर्ड विंडीज के खिलाफ बहुत ही प्रभावी रहा है. जहां उन्होंने 11 टेस्ट मैचों में विंडीज के 60 विकेट चटकाए, तो यह ऑफ स्पिनर चार शतक भी जड़ चुका है. मैच से पहले अश्विन की जडेजा के साथ जोड़ी बननी तय थी. लेकिन आखिरी पलों में यह फैसला बदल दिया गया. बहरहाल, हरभजन सिंह ने अश्विन को बाहर रखने जाने के पीछे एक अलग ही वजह बतायी है.
यह भी पढ़ें: कप्तान विराट कोहली को अपने खिलाड़ियों को लगातार मौके देने होंगे: सौरव गांगुली
हरभजन ने कहा कि देश के बाहर अश्विन के प्रदर्शन में अनियमितता रही है और इसी वजह से उन्होंने इलेवन से अपनी जगह खोनी पड़ी. टीम मैनेजमेंट का मानना है कि अब अश्विन पूर्व की तरह उसके मुख्य गेंदबाज नहीं हैं. भज्जी बोले कि अगर आप देखेंगे, तो पाएंगे कि ऐसे कई उदाहरण रहे, जब विदेशी जमीं पर अश्विन बुरी तरह से नाकाम रहे. उदाहरण के तौर पर पर पिछले साल साउथंप्टन में जहां मोईन अली ने नौ विकेट चटकाए, तो अश्विन तीन ही विकेट चटका सके थे. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में विकेट लेने के लिए खासा संघर्ष किया. अगर आप ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नजर डालेंगे, तो पाएंगे कि पहले टेस्ट के बाद वह चोटिल हो गए, लेकिन मैनेजमेंट ने उन्हें टीम में यह सोचकर बनाए रखा कि वह उबर जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
VIDEO: सुन लीजिए कि धोनी के संन्यास पर युवा क्रिकेटर क्या सोचते हैं.
भज्जी ने कहा कि जब इलेवन चुनने का मामला आता है, तो ये बातें बहुत ही अहम हो जाती हैं. आप यह न भूलें कि जनवरी में सिडनी में खेलने के बाद हम यह पला टेस्ट खेल रहे हैं.