
श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली भारत की तीन मैचों की एकदिनी सीरीज में टीम पहली बार नए मुख्य कोच गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में खेलेगी. हालिया टी20 सीरीज जीत के बाद गौतम की कोचिंग शैली के भी खासे चर्चे हैं और वह पंडितों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं. उनके अलग-अलग पहलुओं को लेकर बातें हो रही हैं. वहीं, अब गंभीर की पहली वनडे सीरीज भी है. और यही वजह रही कि जब सीरीज की पूर्व संध्या पर रोहित प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए, तो गौतम को लेकर भी गंभीर सवाल हुए.
इस पर कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि राहुल द्रविड़ के बाद कप्तानी संभालने वाले गंभीर की सोच बहुत स्पष्ट है कि वह टीम के साथ क्या करना चाहते हैं. रोहित ने कहा, ''देखिए, गौतम गंभीर ने पहले बहुत क्रिकेट खेला है और फिर शीर्ष पर बैठने से पहले वह एक फ्रेंचाइजी टीम के साथ भी जुड़े रहे हैं. जैसा कि मैंने कहा, यह स्पष्ट रूप से पिछले कोचिंग स्टाफ से अलग होगा. हर इंसान और व्यक्ति अलग है. इससे पहले जब राहुल द्रविड़ टीम में शामिल हुए थे, तब हमारे पास रवि शास्त्री थे.'
कप्तान ने कहा,“हर व्यक्ति अलग ढंग से काम करता है. मैं गौतम गंभीर को काफी समय से जानता हूं. हमने साथ में थोड़ा क्रिकेट खेला. हमने पहले भी साथ में काफी बातचीत की है. अब जब वह यहां है, तो उनका दिमाग बिल्कुल स्पष्ट है वह टीम के साथ क्या करना चाहते हैं, जो बहुत अच्छी बात है.'
यह पूछे जाने पर कि गंभीर के साथ उनकी बातचीत से अब तक क्या नतीजा निकला है, पर रोहित ने कहा, "देखिए, हम जो बात कर रहे थे, वह मूल रूप से क्रिकेट के बारे में थी. जैसे टीम को कैसे चलाना है, क्या जरूरतें हैं, कहां कमियां हैं, हमने कहां अच्छा प्रदर्शन किया है. मूलतः, यह बस उनसे मिलने के बारे में था, क्योंकि मुझे उनसे मिलने का मौका नहीं मिला." उन्होंने कहा, “मैं यहां आया और उनसे मिला. इसलिए हम इस बारे में थोड़ी चर्चा कर रहे थे कि टीम के साथ कैसे खेलना है, क्या करना है, आगे कौन से टूर्नामेंट आने वाले हैं और हमें यहां क्या करना है, किसी विशेष टीम के खिलाफ कैसे खेलना है. मूलतः, हम इस सब के बारे में बात कर रहे थे.”
रोहित ने लोगों से यह भी अपील की कि वे इस बात को लेकर चिंतित न हों कि मैच के दौरान गंभीर हंसते हैं या नहीं. भारतीय कप्तान बोले, “देखो गौतम भाई ड्रेसिंग रूम में खूब मस्ती करते हैं. वह खूब हंसते हैं. मैदान के बाहर वह हंसते हैं या नहीं, यह उनका निजी मामला है. मुझे नहीं लगता कि हमें इस पर्सनल स्पेस में जाने की कोशिश करनी चाहिए कि वह हंसेगे या नहीं, या वह ऐसा करेंगे या नहीं. प्रत्येक शख्स का अपना रास्ता है. आप बहुत हंसते हैं, तो हो सकता है लोगों को यह पसंद न आये. इसलिए यह हर किसी पर निर्भर है कि उन्हें क्या पसंद है और क्या नहीं.'' कोशिश करें.”
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