
जारी टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में शुक्रवार को न्यूजीलैंड हार गयी. इसी के साथ ही भारत के सेमीफाइनल के विकल्प भी एकदम साफ और सीमित हो. अब रास्ता सीधा और सपाट बचा है और वह यह है कि स्कॉटलैंड के खिलाफ न केवल जीत चाहिए, बल्कि ज्यादा से ज्यादा बेहतर नेट-रन रेट भी चाहिए. यूएई में खेले गए मैचों में टॉस का बहुत ही अहम रोल रहा है, लेकिन विराट सुपर-12 राउंड में पाकिस्तान के खिलाफ भी हारे और न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टॉस हार गए. वास्तव में, इस बात ने बड़ा अंतर पैदा किया और अब जबकि स्कॉटलैंड के खिलाफ आखिरकार टॉस टॉस उनके पक्ष में आ ही गया, तो विराट को दो बड़े फायदे मिलेंगे.
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1. पहला बड़ा फायदा
विराट स्कॉटलैंड के खिलाफ तीन स्पिनरों के साथ मैदान पर उतरे. शार्दूल ठाकुर की जगह वरुण चक्रवर्ती फिर से इलवेन का हिस्सा बने. अगर टीम विराट दूसरी पाली में बॉलिंग करती, तो पहले के मुकाबलों की तरह ओस गेंद को ग्रिप करने में बड़ा अंतर पैदा करती. फैंस कह सकते हैं कि आखिर यह स्कॉटिश टीम ही तो है, लेकिन भारतीय स्पिनर शुरुआत में गेंदबाजी करके बाद में बड़ने वाली ओस से बच गए.
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2. दूसरा बड़ा तुलनात्मक फायदा
टॉस विराट ने जीता, तो भारतीय कप्तान ने बिना एक पल गंवाए पहले गेंदबाजी चुनी. वजह यह रही कि जब बल्लेबाज बाद में बैटिंग करेंगे, तो उनके जहन में साफ रहेगा कि कितने ओवरों में और कितनी जल्द लक्ष्य हासिल करना है. वहीं, अगर गेंदबाजी बाद में होती और स्कॉटलैंड अगर बड़ा स्कोर बना देता, तो बेहतर नेट रन रेट के लिए बल्लेबाजों की तुलना में गेंदबाजों के लिए स्कॉटिश टीम को एक तय स्कोर के भीतर आउट करना ज्यादा मुश्किल होता. ऐसे में टॉस ने भारत को ये दो बड़े फायदे तो दिला ही दिए.
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