IND vs SA Test Series: टीम इंडिया की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 'क्लीन स्वीप' में सामने आए ये 5 पॉजिटिव..

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India vs South Africa: Team India ने टेस्ट सीरीज में 3-0 के अंतर से जीत हासिल की

India vs South Africa, 3rd Test: टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज 3-0 के एकतरफा अंतर से जीत ली है. रांची में सीरीज का तीसरा टेस्ट (India vs South Africa, 3rd Test) विराट कोहली ब्रिगेड ने एक पारी और 202 रन के बड़े अंतर से जीता. गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी, पूरी सीरीज में भारतीय खिलाड़ी छाए रहे और उनके सामने दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी मेमने साबित हुई. मैच के तीसरे दिन, सोमवार को ही दूसरी पारी में आठ विकेट गंवाकर दक्षिण अफ्रीका हार की कगार पर पहुंच चुकी थी. मैच के चौथे दिन आज भारतीय टीम (Team India) ने जीत हासिल करने में महज दो ओवर लिए. लेग स्पिनर शहबाज नदीम ने लगातार गेंदों पर थिउनिस डि ब्रुइन और लुंगी एंगिडी के विकेट लेकर भारत की जीत की औपचारिकता पूरी कर दी. हाल के समय में सभी फॉर्मेट में टीम इंडिया ने धमाकेदार प्रदर्शन किया है. भारत-दक्षिण अफ्रीका की मौजूदा टेस्ट सीरीज की बात करें तो टीम इंडिया के लिहाज ये 5 पॉजिटिव (Five positives) खास रहे..

टेस्ट ओपनर के तौर पर रोहित शर्मा की धमाकेदार एंट्री
जब 'हिटमैन' रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को इस टेस्ट सीरीज में ओपनर के तौर पर उतारने की बात आई थी तो हर किसी के मन में ढेर सारे सवाल थे. कई लोगों को इस बात पर संशय था कि यह प्रयोग काम कर पाएगी, ऐसे लोगों को भी कमी नहीं थी जो मान रहे थे कि रोहित यदि इस नए रोल में नाकाम रहे तो उनके टेस्ट करियर पर फुलस्टॉप लग सकता है. बहरहाल, नए रोल को रोहित शर्मा ने चुनौती के रूप में लिया. उन्होंने बल्ले से रनों की ऐसी बौछार की कि दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज सहमे नजर आए. टेस्ट ओपनर के बतौर अपने डेब्यू टेस्ट में ही रोहित ने दोनों पारियों में शतक लगाने का दुर्लभ कारनामा अंजाम दिया और फिर रांची में दोहरा शतक जड़कर सीरीज को दिलकश अंदाज में खत्म किया. अब नजर इस बात पर है कि विदेशी मैदानों (एशिया के बाहर) पर होने वाले टेस्ट में रोहित शर्मा कैसा प्रदर्शन करते हैं लेकिन यह तय है कि बतौर ओपनर शुरुआती टेस्ट सीरीज के प्रदर्शन ने उन्हें काफी आत्मविश्वास दिया होगा.

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गेंदबाजी की 'बेंच स्ट्रेंथ' के क्या कहने
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के ठीक पहले जब तेज गेंदबाजी में भारत के ट्रंप कार्ड जसप्रीत बुमराह (Jadprit Bumrah)को चोट के कारण बाहर होना पड़ा तो भारतीय प्रशंसकों के चेहरे पर चिंता को साफ पड़ा जा सकता था. सवाल उठ रहा था कि बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम, दक्षिण अफ्रीका के 20 विकेट आउट कर पाएगी लेकिन भारतीय टीम ने सीरीज के तीनों टेस्ट में यह काम हर बार किया. खास बात यह रही कि इसमें तेज गेंदबाजों की अहम भूमिका रही. यह भारतीय तेज गेंदबाजी की बेंच स्ट्रेंथ को बताता है. मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने जसप्रीत बुमराह की कमी को महसूस नहीं होने दिया. स्पिनर आर.अश्विन और रवींद्र जडेजा भी अपनी फिरकी से विपक्षी बल्लेबाजों के लिए मुश्किल बने रहे. रांची टेस्ट से ठीक पहले चाइनामैन कुलदीप यादव के चोटिल होने के कारण लेग स्पिनर शहबाज नदीम (Shahbaz Nadeem) को मौका दिया गया, उन्होंने भी टेस्ट में चार विकेट लेकर अपने चयन को न्यायोचित ठहराया.

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कप्तानी में भी विराट कोहली का आक्रामक अंदाज
विराट कोहली (Virat Kohli) को आक्रामक अंदाज का क्रिकेटर कहा जाता है. मैदान पर वे अपना आक्रामक अंदाज दिखाने से परहेज नहीं करते. कप्तानी के मामले में भी इस सीरीज में वे बेहद आक्रामक रहे और हारने की चिंता किए बिना बहादुरी से अपने निर्णय लिए. पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने तो आक्रामक नजरिया दिखाने के लिए कोहली को एमएस धोनी से भी बेहतर कप्तान माना. पुणे के दूसरे टेस्ट में विराट ने बैट्समैन हनुमा विहारी के स्थान पर खालिस बॉलर उमेश यादव (Umesh Yadav) को टीम में स्थान दिया. बल्लेबाज के स्थान पर किसी खालिसा गेंदबाज को प्लेइंग इलेवन में स्थान देने का फैसला जोखिम भरा होता है लेकिन विराट ने यह किया. यह फैसला बेहतरीन साबित हुआ और उमेश यादव ने दूसरे और तीसरे टेस्ट में गेंदबाजी से जबर्दस्त प्रदर्शन किया. रांची टेस्ट में भी जोखिम लेते हुए विराट ने टीम के सबसे अनुभवी बॉलर ईशांत शर्मा (Ishant Sharma)को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखकर शहबाज नदीम को टीम में जगह दी. यह निर्णय भी बेहतरीन रहा. कप्तान के साथ-साथ बल्लेबाज के तौर पर भी विराट बेजोड़ रहे, उन्होंने सीरीज में नाबाद 254 रन की पारी भी खेली.

ऑलराउंडर के रोल में सेट हो रहे 'सर' जडेजा
रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) के नाम के साथ भले ही लंबे समय से 'ऑलराउंडर' शब्द जोड़ा जाता हो लेकिन सही अर्थों में इस शब्द की सार्थकता उन्होंने पिछले एक-डेढ़ वर्ष में साबित की है. ऐसा लगता है कि बल्लेबाजी को भी सर जडेजा अब गंभीरता से ले रहे हैं और यह उनके प्रदर्शन में भी दिख रहा है. वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी उन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया. गेंद से तो वे हमेशा की तरह बेजोड़ रहे. सीरीज के तीन मैचों में जडेजा ने दो अर्धशतकों की मदद से 212 रन (औसत 70.66 ) बनाए, गेंदबाजी में उन्होंने 30.69 के औसत से 13 विकेट लिए. वाकई यह ऑलराउंडर के हिसाब से बेहतरीन प्रदर्शन रहा.

उमेश और शमी की बेहतरीन 'जुगलबंदी'
तेज गेंदबाजी में मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) और उमेश यादव (Umesh Yadav) इस समय प्रदर्शन के लिहाज से पीक पर हैं. ये दोनों अच्छी गति के साथ अपने वेरिएशंस से भी बल्लेबाजों को परेशान का रहे हैं. पुणे टेस्ट में उमेश को प्लेइंग इलेवन में स्थान मिला और उन्होंने इसे दोनों हाथों से लपकते हुए सीरीज में 12.18 के औसत से 11 विकेट लिए. बुमराह की गैरमौजूदगी में शमी ने भी कमाल किया और विशाखापट्टनम टेस्ट की दूसरी पारी में पांच विकेट लेकर भारतीय जीत को आसान बनाया. शमी ने सीरीज में 13 विकेट लिए. ऑफ स्पिनर आर. अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने सीरीज में सर्वाधिक 15 विकेट लिए.

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