
चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) में टीम इंडिया के सुहाने सफर में अगर विराट कोहली (Virat kohli) और गिल जैसे बल्लेबाजों ने अच्छा योगदान दिया है, यहां गौतम की गंभीर रणनीति से बहुत ही उपयोगी मिड्ल ऑर्डर कोंबो भी तैयार हो गया है. हालांकि, इसके लिए उपयोगी से ऊंचा स्तर अभी भी छूना है, लेकिन अगर श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल फाइनल में इस स्तर को छूने में सफल रहा, तो फिर न्यूजीलैंड का बचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन सरीखा जैसा होगा.
अय्यर को नहीं मिली पर्याप्त चर्चा
इस बात की अनदेखी नहीं का जा सकती कि सितारों की चर्चा का बीच टीम में इंडिया में वापसी करने वाले श्रेयस अय्यर को उनके हक की चर्चा नहीं मिली है. जब-जब ऊपरी विकेट गिरे हैं, तो ज्यातर मौकों पर अय्यर ने आकर दिखाया है कि वह नंबर चार पर भारत के लिए व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं. अय्यर विराट के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. उन्होंने खेले 4 मैचों में 48.75 के औसत और धीमी पिचों पर 79.91 के स्ट्राइक-रेट से 195 रन बनाए हैं. इसमें उनके दो अर्द्धशतक शामिल हैं.
गंभीर फैसले ने बना दिया 'कोंबो'
हेड कोच गंभीर ने दूसरा विकेट गिरने के बाद लगभग सभी मैचों में नंबर पांच पर केएल राहुल को न भेजकर लेफ्टी अक्षर पटेल को भेजा. यह एक रणनीतिक फैसला रहा क्योंकि गंभीर का मकसद इस दौरान 'राइटी-लेफ्टी' संयोजन तैयार कर विरोधी टीम के गेंदबाजों की लाइन और लेंथ को भटकाना रहा. अक्षर इस कोशिश में बहुत हद तक कामयाब रहे. उन्होंने चार मैचों में 26.66 के औसत से 80 रन बनाए हैं. बेस्ट स्कोर 42 का रहा है. कोशिश उनकी अच्छी रही है, लेकिन वह सेट होकर विकेट गंवा दे रहे हैं. बहरहाल, इस कोंबो ने काम किया है, लेकिन चरम अभी बाकी है. और अगर फाइनल में इन दोनों ने बड़ी साझेदारी कर दी, तो फिर कीवियों का बचना बहुत ही मुश्किल होगा.
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