सीरीज 4-1 से जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ी
खास बातें
- भारत ने पांचवें वनडे में दर्ज की थी 35 रन से जीत
- सीरीज पर किया था 4-1 से कब्जा
- मोहम्मद शमी बने थे मैन ऑफ द सीरीज
वेलिंगटन: रोहित के रणबाकुंरों ने रविवार को वेलिंगटन में न्यूजीलैंड (#INDvNZ #INDvsNZ) को 35 रन से हराकर उसी की धरती पर 4-1 से सीरीज पर कब्जा किया. इसका फायदा भारतीय टीम (#TeamIndia) को मिला और टीम इंडिया आईसीसी (ICC) की रैंकिंग में भी तीसरे से दूसरे नंबर पर पहुंच गई. बहरहाल, इस आखिरी और पांचवें वनडे (5th ODI) में भारत ने एक कारनामा ऐसा किया, जो कपिल देव (Kapil Dev) की टीम के बाद करीब 35 साल बाद भारतीय टीम ने किया. इस अवधि के दौरान बहुत से वनडे मुकाबले खेले गए. कई विश्व कप भी आयोजित हुए, लेकिन भारतीय टीम के हिस्से में यह करने का मौका करीब तीन दशक बाद आया.
बता दें कि साल 1983 में विंडीज में खेले गए विश्व कप में यह अति चर्चित जिंबाब्वे के खिलाफ खेला गया मुकाबला था. इस मैच को अभी भी कपिल देव की नाबाद 175* की पारी के लिए याद किया जाता है. इस मैच में भारत ने अपने चार विकेट 9 रन पर और पांचवां विकेट 17 रन पर गंवा दिया था. ऐसी स्थिति में कपिल देव उतरे और उन्होंने अपने धमाल से जिंबाब्वे के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी. उनकी कोशिश से भारत ने उबरते हुए 8 विकेट पर 266 रन बनाए थे.
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और अब रविवार को वेलिंगटन में भारत के 4 विकेट सिर्फ 18 रन पर गिर गए थे. इसके बाद अंबाती रायुडु के 90, विजय शंकर के 45 और हार्दिक पंड्या के 45 रन टीम इंडिया के लिए बड़ा सहारा बने. और यहां से भारत मेजबानों को 253 रन का टारगेट देने में कामयाब रहा. और साल 1983 की तरह ही वेलिंगटन में भी टीम इंडिया संकट से उबरकर जीतने में कामयाब रही.
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कहने का मतलब यह है कि भारत के वनडे इतिहास में ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ, जब भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 रन से पहले शीर्ष चार बल्लेबाजों के विकेट गंवाने के बाद सामने वाली टीम को मात दी.