
एक समय ऐसा आया था कि ऐसा लगा कि टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल (Shaubman Gill) की टेस्ट टीम से किसी भी समय छुट्टी हो सकती है. एक तरह उनका व्हाइट-बॉल रिकॉर्ड बहुत ही शानदार है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में बड़ी पारियों उनके बल्ले से निकल नहीं रही थीं. चिंता की बात यह थी कि वह जमकर आउट हो रहे थे. लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के जरिए एक बार फिर से गिल ने पैर जमा लिए हैं. दूसरे टेस्ट में विशाखापट्टम में शतक जड़ने वाले गिल (Shubman Gill's century) ने धर्मशाला (DharamSala) में सीरीज का दूसरा शतक जड़ा, तो रांची में भी वह सिर्फ नौ रन से शतक से चूक गए थे. बहरहाल, धर्मशाला में दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद गिल ने 'दिल की बात' कही.
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गिल ने दूसरे दिन के खेल के बाद कहा कि यह पहला मौका था, जब मैदान पर मेरे पिता ने किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में मुझे खेलते हुए देखा. मुझे टेस्ट मैच खेलते देखना उनका सपना था. उम्मीद है कि वह आज मेरे प्रयास पर काफी गौरवान्वित होंगे. एंडरसन की गेंद पर छक्का जड़ने के सवाल पर गिला ने कहा कि उस समय गेंद ज्यादा स्विंग नहीं हो रही थी. और मैं हवा में शॉट खेलना चाहता था. मेरा मकसद उन पर दबाव बनाना था.
एंडरसन की गेंद पर ही बोल्ड होने के बाद इस गेंद के बारे में गिल ने कहा कि जब भी मैं बैटिंग के लिए जाता हूं, तो अच्छा महसूस करता हूं. लेकिन दूसरे दिन मैं चूक गया. मैं पूरी तरह से गेंद को देख नहीं सका. लेकिन जब भी मैं मैदान पर बैटिंग के लिए उतरता हूं, तो अच्छा महसूस करता हूं. उम्मीद है कि मैं मिलने वाली अच्छी शुरुआत को बड़ी पारियों में बदलूंगा. छक्का जड़ने के बाद एंडरसन से हुई बातचीत पर गिल ने कहा कि मुझे लगता है कि इस बातचीत को हम दोनों के बीच ही रखना हम दोनों के लिए बेहतर होगा.
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