
Yashasvi Jaiswal: रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खत्म हुए तीसरे टेस्ट के बाद अगर किसी खिलाड़ी की प्लेयर ऑफ द मैच रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) से भी ज्यादा चर्चा है, तो वह लेफ्टी यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) हैं, जिनकी तूफानी बल्लेबाजी का नशा पूरे क्रिकेट जगत पर चढ़ा हुआ है. हर कोई उनकी प्रशंसा कर रहा है जिन्होंने तीसरे टेस्ट (3rd Test) के चौथे दिन नाबाद 214 रन की पारी खेली, लेकिन जिस अंदाज में उन्होंने बैटिंग की उससे जायसवाल के बल्ले से कई रिकॉर्ड निकले. चलिए आप 'नंबर गेम' से समझिए कि जायसवाल के बल्ले से कौन-कौन सा रिकार्ड निकला. वास्तव में यशस्वी (Yashasvi Jaiswal) के बल्ले से तो रिकॉर्ड निकले ही, उनके साथ ही कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma), सरफराज खान (Sarfaraz Khan) और रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) का ऑलराउंड कारनामा सामने आया, तो कमाल फिर एक नहीं, बल्कि टीम इंडिया ने भी कई कर दिए. चलिए बारी-बारी से सभी पर नजर दौड़ा लीजिए.
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जायसवाल ने कुल 12 छक्के जड़े: नाबाद 214 रन की पारी में जायसवाल ने 12 छक्के जड़ते हुए एक पारी में सबसे ज्यादा छक्के जड़ने के वसीम अकरम के रिकार्ड की बराबरी कर ली.
भारतीय इतिहास के ऐसे पहले बल्लेबाज बने: जायसवाल पहले भारतीय और कुल मिलाकर विश्व क्रिकेट के सातवें ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपनी पहली तीनों शतकीय पारियों में 150 से अधिक रन ठोके.
22 साल और 49 दिन की उम्र में बड़ा कारनामा: इस दोहरे शतक के साथ ही जायसवाल टेस्ट क्रिकेट में दो दोहरे शतक जड़ने वाले तीसरे सबसे युवा बल्लेबाज बन गए. उनसे पहले कांबली ने 21 साल, 54 दिन और सर डॉन ब्रेडमैन ने 21 साल, 318 दिन में यह कारनामा किया था.
कांबली और कोहली के बाद तीसरे बल्लेबाज बने: इंग्लैंड के खिलाफ दो लगातार दोहरे शतक जड़ने वाले जायसवाल तीसरे भारतीय बल्लेबाज हैं. कांबली ने साल 1993 और कोहली ने ऐसा साल 2017 में किया था.
टीम इंडिया का सबसे ज्यादा छक्कों का कारनामा: राजकोट में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 28 छक्के जड़े. यह टेस्ट टीम में किसी भी टीम द्वारा एक पारी में जड़े गए सबसे ज्यादा छक्के हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड भी भारत के नाम पर था, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साल 2029 में बनाया था. इसमें 28 में से 18 दूसरी पारी में आए. यह किसी एक पारी में छक्कों का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा. इससे पहले साल 2014 में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ 22 छक्के जड़े थे.
सीरीज में हुई छक्कों छक्कों की बारिश: अभी तक सीरीज में भारत की तरफ से 48 छक्के लग चुके हैं. यह किसी भी सीरीज में किसी भी टीम द्वारा जड़े गए सबसे ज्यादा छक्के हैं. वहीं, यह न भूलें कि अभी दो टेस्ट और खेले जाने बाकी हैं. इससे पहले भारत ने साल 2019 में दक्षिम अफ्रीका के खिलाफ 47 छक्के लगाए थे. और इन 48 में से 22 छक्के जायसाल के बल्ले से आए हैं. यह किसी टेस्ट सीरीज में किसी एक बल्लेबाज द्वारा जड़े गए सबसे ज्यादा छक्के हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड रोहित के नाम पर था, जिन्होंने साल 2029 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 19 छक्के लगाए थे.
सिर्फ चार बल्लेबाज ही कर सके हैं ऐसा: चार भारतीय बल्लेबाज ऐसे हैं, जिन्होंने करियर के पहले ही टेस्ट की दोनों पारियों में अर्द्धशतक जड़ा. इससे पहले दिलावर हुसैन (1934) इंग्लैंड के खिलाफ, सुनील गावस्कर (1971) विंडीज के खिलाफ, श्रेयस अय्यर (2021) में न्यूजीलैंड के खिलाफ और अब सरफराज (2024) ने कारनामे को अंजाम दिया. दुनिया भर के 43 बल्लेबाजों ने यह कारनामा किया और इनमें सरफराज (94.2) का स्ट्राइक-रेट ससे ज्यादा है.
यह औसत कमाल का है: यह वह स्ट्राइक रेट है, जिसके साथ जायसवाल और सरफराज ने पांचवें विकेट के लिए साझेदारी की. यह टेस्ट क्रिकेट में किसी भी विकेट के लिए हुई 150 रन की साझेदारी की सातवीं सबसे तेज गति है. एक रन प्रति गेंद से ज्यादा की दर से हुई यह यह भारत की सबसे बड़ी साझेदारी है.
टीम इंडिया ने दिया दूसरा सबसे बड़ा टारगेट: भारत द्वारा इंग्लैंड को दिया 557 रनों का लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया द्वारा किसी को दिया गया दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य है. इससे पहले भारत ने 2009 में वेलिंगटन में न्यूजीलैंड को 557 का टारगेट दिया था.
भारत की सबसे बड़ी जीत: राजकोट में भारत की जीत रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत रही. इससे पहले यह रिकॉर्ड 372 रन का था, जब भारत ने 2021 में न्यूजीलैंड को हराया था. वहीं, टेस्ट क्रिकेट में यह किसी टीम द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ रनों के अंतर से दर्ज की गई आठवीं सबसे बड़ी जीत है.
रवींद्र जडेजा का जवाब नहीं: रवींद्र जडेजा ने भारतीय जमीं पर नौवीं बार प्लेयर ऑफ द मैच जीतकर अनिल कुंबले का रिकॉर्ड बराबर कर लिया. साल 2012 में करियर के आगाज से लेकर घरेलू सीरीज में किसी भी खिलाड़ी ने जडेजा ने प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार नहीं जीता है. कुल मिलाकर जडेजा ने दस प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड जीते हैं. भारतीयों में वह तीसरे नंबर पर हैं. सचिन तेंदुलकर (14) पहले और द्रविड़ (11) दूसरे नंबर पर हैं.
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