
Shubman Gill: पिछले बहुत ही लंबे समय से आलचकों की नजरों में कांटे की तरह चुभ रहे और करीब-करीब अपना समय और जगह गंवा चुके शुभमन गिल (Shubman Gill) ने आखिरकर किनारे से वापसी कर ही ली है. इससे पहले करीब पिछली 12 या 13 पारियों में एक भी अर्द्धशतक नहीं बना सके थे. और अब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन 147 गेंदों पर 11 चौकों और 2 छक्कों से शतकीय पारी खेलते हुए अपने लिए अगले कुछ और टेस्ट मैच पक्के कर लिया. गिल की पारी जिम्मेदार रही कि भारत दूसरी पारी में 255 रन बनाकर 398 की बढ़त लेने में कामयाब रहा. और दिन का खेल खत्म होने के बाद गिल ने डिटेल से अपने विचार रखे.
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गिल ने कहा कि निश्चित तौर पर इस शतक के बाद बहुत ही खूश हैं, लेकिन ईमानदारी से कहूं, तो मुझे आउट होने पर थोड़ा शक था. पहली बात तो यह कि मुझे महसूस अंदरुनी किनारा महसूस नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मुझे चायकाल तक 5-6 ओवर और खेलना चाहिए था. पिच को लेकर पूछे सवाल पर गिल ने कहा कि यह बैटिंग के लिए अच्छी पिच है. हालांकि, यहां ऑन-द-राइज शॉट खेलना आसान नहीं है. यहां बल्लेबाज को खुद को अमल में लाना होगा क्योंकि कोई गेंद एकदम से टर्न हो जा रही है, तो एकदम नीची रहा जा रही है.
शॉट खेलने पर पिता द्वारा की गई आलचोना पर गिल ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है. जब एक बार मैं होटल में पहुंचूंगा, तो मुझे पता चलेगा, लेकिन मैं सोचता हूं कि ऐसा हो सकता है. वह मेरे ज्याादतर मैचों के दौरान आते हैं. हालांकि, इसका मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं होता. मैच के संभावित परिणाम के बारे में गिल ने कहा कि तीसरे दिन के बाद तो मामला 70-30 का है. मतलब सत्तर प्रतिशत हमारा. चौथे दिन सुबह का सत्र बहुत ही अहम रहेगा. हम देख चुके हैं कि सुबह के समय पिच में नमी रहती है और यह पेसरों और स्पिनरों को मदद करती है.
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