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Ind vs Ban: "मैंने इसे बहुत ज्यादा अहमियत दी और...", मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने अय्यर सहित तमाम खिलाड़ियों को दिया बड़ा संदेश

Ind vs Ban: पहले मुकाबले में वरुण चक्रवर्ती ने तीन विकेट लेकर बता दिया कि अब उनके प्रतिस्पर्धियों को खासा जोर लगाना पड़ेगा

Ind vs Ban: "मैंने इसे बहुत ज्यादा अहमियत दी और...", मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने अय्यर सहित तमाम खिलाड़ियों को दिया बड़ा संदेश
नई दिल्ली:

मेहमान बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी-20 मैच में मिली 7 विकेट से जीत में भले ही मुकाबले का आकर्षण हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) पूरा आकर्षण चुरा ले लगे, लेकिन अगर यह कहा जाए कि मुकाबले में सबसे बड़ा पॉजिटिव मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती रहे, जिनकी गेंदों के "रहस्य" और धार ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को ठग सा लिया. वरुण ने टॉप स्पिन और गुगली का शानदार नमूना पेश किया और इसके उन्होंने चार ओवरों में 31 रन देकर तीन विकेट लिए. इस प्रदर्शन ने वरुण ने युजवेंद्र चहल ही नहीं, बल्कि युवा रवि बिश्नोई को बता दिया है कि अब उनके लिए इलवेन में खेलने के लिए कड़ा मुकाबला करना होगा. 

अपने इस प्रदर्शन पर इस लेग स्पिनर ने कहा, " पहले मैं साइड-स्पिन गेंदबाज हुआ करता था, लेकिन अब मैं पूरी तरह से ओवर-स्पिन गेंदबाज बन चुका हूं", उन्होंने कहा, "यह स्पिन बॉलिंग का महीन तकनीकी पहलू है, लेकिन इसे हासिल करने में दो साल से भी ज्यादा का समय लगा. मैंने धीरे-धीरे टीएनपीएल और आईपीएल के दौरान इस पर पकड़ बनाई", लेग स्पिनर ने कहा, " मुझे अपने मानसिक पहलू पर भी काम करना था, लेकिन बड़ा पहलू तकनीकी पहलू था और मैंने इस पर काम करने के घंटों मेहनत की. 

मगर यह भी एक सच है कि आईपीएल और पिछले घरेलू क्रिकेट के दो सीजन में अच्छा करने के बावजूद वरुण को भारतीय टीम के लिए बुलावा नहीं आया. लेकिन इसका असर वरुण ने मनोदशा पर नहीं पड़ने दिया और वास्तव में इसने उनकी बेहतर करने की भूख में और इजाफा ही किया. नतीजा  सामने है और यह इस 33 साल के गेंदबाज के लिए क्रिकेट में पुनर्जन्म से कम नहीं है. 

लेग स्पिनर ने कहा, "जब भी भारतीय टीम का ऐलान हुआ, तो मैं यही सोचा करता था कि आखिर टीम में मेरा नाम क्यों नहीं है? मैं इस बारे में लगातार सोचता रहता था. इस प्रक्रिया ने मुझे भीतर से प्रोत्साहित किया कि मुझे बीच में छोड़ना नहीं है." लेग स्पिनर ने कहा, "मैं खुद से यही कहता रहा कि मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ करते रहना चाहिए और वापसी करनी चाहिए. इसलिए मैंने घरेलू क्रिकेट में ज्यादा खेलना शुरू कर दिया और इसे अहमियत भी दी. इस बात ने मेरी खासी मदद की." 

वैसे वरुण की यह बात इशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा संदेश है, जिन्होंने पिछले साल बीसीसीआई सचिव के कहने के बावजूद भी घरेलू क्रिकेट खेलना गवारा भी नहीं समझा. खासतौर पर ऐसे समय, जब श्रेयस अय्यर रनों के लिए तरस रहे थे. इस पर दोनों का क्या हश्र हुआ, यह सभी के सामने है. अय्यर और इशान दोनों ही अभी तक इसकी कीमत चुका रहे हैं. 


 

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