IND vs BAN 2nd Test: दूसरे टेस्ट से पहले पिंक बॉल की चर्चा, बीसीसीआई ने बयां की तमाम खासियत

IND vs BAN 2nd Test: दूसरे टेस्ट से पहले पिंक बॉल की चर्चा,  बीसीसीआई ने बयां की तमाम खासियत

कोलकाता:

कोलकाता स्थित ईडन गार्डन्स स्टेडियम पहली बार भारत और बांग्लादेश के बीच शुक्रवार से शुरू होने वाले पहले ऐतिहासिक दिन-रात टेस्ट मैच (India vs Banladesh 2nd Test) के लिए पूरी तरह से तैयार है. दिन-रात टेस्ट मैच गुलाबी गेंद से खेला जाएगा और इस मैच को लेकर अब सबकी नजरें इस बात पर लगी हुई हैं कि क्या इस मैच में यह गेंद रिवर्स स्विंग होगी या नहीं. इस बीच, बीसीसीआई (BCCI) के अधिकारियों ने बताया कि मैदान पर रिवर्स स्विंग हासिल करने के लिए गुलाबी गेंद की सिलाई हाथ से की गई है ताकि यह रिवर्स स्विंग में मददगार साबित हो सके.

यह भी पढ़ें: इस सीरीज से जसप्रीत बुमराह की होगी टीम इंडिया में वापसी, लेकिन भुवनेश्वर कुमार...

अधिकारी ने कहा, "गुलाबी गेंद को हाथ से सिलकर तैयार किया गया है ताकि यह अधिक से अधिक रिवर्स स्विंग हो सके. इसलिए गुलाबी गेंद से स्विंग हासिल करने में अब कोई समस्या नहीं होनी चाहिए." गुलाबी गेंद को बनाने में लगभग सात से आठ दिन का समय लगाता है और फिर इसके बाद इस पर गुलाबी रंग के चमड़े लगाए जाते हैं. एक बार जब चमड़ा तैयार हो जाता है तो फिर उन्हें टुकड़ों में काट दिया जाता है, जो बाद में गेंद को ढंक देता है.


यह भी पढ़ें: रिकी पोंटिग ने की पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज बाबर आजम को लेकर अहम टिप्पणी

इसके बाद इसे चमड़े की कटिंग से सिला जाता है और एक बार फिर से रंगा जाता है और फिर इसे सिलाई करके तैयार किया जाता है. गेंद के भीतरी हिस्से की सिलाई पहले ही कर दी जाती है और फिर बाहर के हिस्से की सिलाई होती है.

VIDEO:  हाल ही में दक्षिण अफ्रीका सीरीज में दूसरे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

एक बार मुख्य प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो फिर गेंद को अंतिम रूप से तौलने और उसे बाहर भेजने से पहले उस पर अच्छी तरह से रंग चढ़ाया जाता है. गुलाबी गेंद पारंपरिक लाल गेंद की तुलना में थोड़ा भारी है.